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Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: तन्हाईयाँ Tanhayiyan

Written By नीरज द्विवेदी on शुक्रवार, 29 अगस्त 2014 | 8:47 am

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: तन्हाईयाँ Tanhayiyan:



मेरी तन्हाईयाँ
आज पूछती है मुझसे

कि वो भूले बिसरे हुए गमजदा आँसू
जो निकले तो थे
तुम्हारी आँखों की पोरों से
पर जिन्हें कब्र तक नसीब नहीं हुयी
जमीं तक नसीब नहीं हुयी

जो सूख गए ....

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: गीत - तरस रहीं दो आँखें Taras Rahin Do Ankhein

Written By नीरज द्विवेदी on शनिवार, 23 अगस्त 2014 | 12:42 pm

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: गीत - तरस रहीं दो आँखें Taras Rahin Do Ankhein:



तरस रहीं दो आँखें बस इक अपने को

मोह नहीं छूटा जीवन का,
छूट गए सब दर्द पराए,
सुख दुख की इस राहगुजर में,
स्वजनों ने ही स्वप्न जलाए,
अब तो बस कुछ नाम संग हैं, जपने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपने को।

जर्जरता जी मनुज देह की, ....

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: गीत - तरस रहीं दो आँखें Taras Rahin Do Ankhein

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: गीत - तरस रहीं दो आँखें Taras Rahin Do Ankhein:



तरस रहीं दो आँखें बस इक अपने को

मोह नहीं छूटा जीवन का,
छूट गए सब दर्द पराए,
सुख दुख की इस राहगुजर में,
स्वजनों ने ही स्वप्न जलाए,
अब तो बस कुछ नाम संग हैं, जपने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपने को।

जर्जरता जी मनुज देह की, ....

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: चलो मिलाकर हाथ चलें Chalo Milakar Hath Chalein

Written By नीरज द्विवेदी on मंगलवार, 19 अगस्त 2014 | 10:29 am

Life is Just a Life - Neeraj Dwivedi: चलो मिलाकर हाथ चलें Chalo Milakar Hath Chalein:

चलो मिलाकर हाथ चलें, संघ मार्ग पर साथ चलें,

आसमान में फर फर देखो,
फहर रहा भगवा ध्वज अपना,
कर्म रहा पाथेय हमारा,
रचा बसा है बस इक सपना,
एक हो हिन्दुस्तान हमारा, मात्र यही प्रण साध चलें,
चलो मिलाकर हाथ चलें, संघ मार्ग पर साथ चलें ..... 
....

Written By kavisudhirchakra.blogspot.com on मंगलवार, 5 अगस्त 2014 | 9:09 pm

मित्रों प्रणाम, आप सबके स्नेह से मुझे तुलसी जयंती पर भोपाल के हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में दिनांक 3 अगस्त 2014 को मध्य प्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2014 का "तुलसी सम्मान" प्रदान किया गया। संबंधित चित्र संलग्न है। डॉ सुधीर गुप्ता "चक्र" (हास्य-व्यंग्य कवि)

Life is Just a Life: मुँहबंदी का रोजा Munhbandi Ka Roja

Life is Just a Life: मुँहबंदी का रोजा Munhbandi Ka Roja: मेरठ पर न बोल सके तो जरा सहारनपुर पर बोलो, जबरन धर्म बदलने की इस कोशिश पर ही मुँह खोलो, क्या चुप ही रहोगे जब तक पीड़ित रिश्तेदार न हो...

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