tag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post121082067490305236..comments2024-01-12T01:09:22.444+05:30Comments on All India Bloggers' Association<br>ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन: पर्दा-------- कृष्ण कायतSaleem Khanhttp://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-10853479584635935652011-04-06T22:14:50.276+05:302011-04-06T22:14:50.276+05:30कल था जो नाली का पत्थर, आज कंगूरे जा चढ़ा है
...कल था जो नाली का पत्थर, आज कंगूरे जा चढ़ा है<br /> ...अगर अपनी मेहनत से चढा है तो बहादुरी का काम है..क्या नाली के पत्थर को कन्गूरा नहीं बनना चाहिये..<br />--कुछ कविता की व्याकरण का भी ध्यान रखिये.. shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-32452292327256337722011-04-06T18:32:50.875+05:302011-04-06T18:32:50.875+05:30बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति!बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-55125253820560845752011-04-06T17:37:42.735+05:302011-04-06T17:37:42.735+05:30मृगमरीचिका मैदान है जहान ,
...मृगमरीचिका मैदान है जहान , <br /> मन बहलावें ख्वाब हैं .<br /> प्रश्नों का तांता लगा है ,<br /> न किसी के पास कोई जवाब हैं .<br /> कृष्ण कायत जी नमस्कार बहुत सुन्दर लिखा आप ने सुन्दर प्रस्तुति सब नज़रों का धोखा है-असलियत कहाँ बच रही अब श्वेत आटे में भी जहर लोग मरे जा रहे-श्वेत वसन में लिपटे लोग -शुभ कामनाएं <br />सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.com