tag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post5757349449971442986..comments2024-01-12T01:09:22.444+05:30Comments on All India Bloggers' Association<br>ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन: आतंकवाद रोकने के लियें देश में अलग से आतंकवाद निरोधक मंत्रालय स्थापित करना आवश्यकSaleem Khanhttp://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-49969580452812679812011-09-10T10:45:12.403+05:302011-09-10T10:45:12.403+05:30बिलकुल सही लिखा आपने अब तो जरुर ही इस आतंकवाद का ख...बिलकुल सही लिखा आपने अब तो जरुर ही इस आतंकवाद का खात्मा करना जरुरी है चाहे वो किसी भी तरह से हो /अलग से विभाग बनाए का भी अच्छा सुझाव है आपका /बहुत बधाई आपको इतने सार्थक लेख के लिए /prerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-8744817045450137972011-09-09T18:40:26.441+05:302011-09-09T18:40:26.441+05:30आप की चर्चा यहाँ पर, आप भी आये नहीं |
कल नि...आप की चर्चा यहाँ पर, आप भी आये नहीं |<br />कल निमंत्रण दे दिया था, तशरीफ पर लाये नहीं ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-3772549888309264962011-09-09T12:14:16.206+05:302011-09-09T12:14:16.206+05:30अख्तर खान अकेला साहब !ये ज़ज्बात इस देश के सांझा ह...अख्तर खान अकेला साहब !ये ज़ज्बात इस देश के सांझा है .एलाने जंग हो चुका है एक तरफ राष्ट्र द्रोही हैं दूसरी तरफ राष्ट्र भक्त .सार्थक सवाल उठाती है आपकी पोस्ट .जो अपना ज़वाब गत बीस सालों से तलाश रहें हैं .<br />बृहस्पतिवार, ८ सितम्बर २०११<br />गेस्ट ग़ज़ल : सच कुचलने को चले थे ,आन क्या बाकी रही.<br />ग़ज़ल<br />सच कुचलने को चले थे ,आन क्या बाकी रही ,<br /><br />साज़ सत्ता की फकत ,एक लम्हे में जाती रही ।<br /><br />इस कदर बदतर हुए हालात ,मेरे देश में ,<br /><br />लोग अनशन पे ,सियासत ठाठ से सोती रही ।<br /><br />एक तरफ मीठी जुबां तो ,दूसरी जानिब यहाँ ,<br /><br />सोये सत्याग्रहियों पर,लाठी चली चलती रही ।<br /><br />हक़ की बातें बोलना ,अब धरना देना है गुनाह<br /><br />ये मुनादी कल सियासी ,कोऊचे में होती रही ।<br /><br />हम कहें जो ,है वही सच बाकी बे -बुनियाद है ,<br /><br />हुक्मरां के खेमे में , ऐसी खबर आती रही ।<br /><br />ख़ास तबकों के लिए हैं खूब सुविधाएं यहाँ ,<br /><br />कर्ज़ में डूबी गरीबी अश्क ही पीती रही ,<br /><br />चल ,चलें ,'हसरत 'कहीं ऐसे किसी दरबार में ,<br /><br />शान ईमां की ,जहां हर हाल में ऊंची रही .<br /><br />गज़लकार :सुशील 'हसरत 'नरेलवी ,चण्डीगढ़<br /><br />'शबद 'स्तंभ के तेहत अमर उजाला ,९ सितम्बर अंक में प्रकाशित ।<br /><br />विशेष :जंग छिड़ चुकी है .एक तरफ देश द्रोही हैं ,दूसरी तरफ देश भक्त .लोग अब चुप नहीं बैठेंगें<br />दुष्यंत जी की पंक्तियाँ इस वक्त कितनी मौजू हैं -<br /><br />परिंदे अब भी पर तौले हुए हैं ,हवा में सनसनी घोले हुए हैं ।<br />http://veerubhai1947.blogspot.com/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-20382572084538164702011-09-09T09:13:02.693+05:302011-09-09T09:13:02.693+05:30सरकार को शायर की जरुरत-Apply On-Line
कायर की चेत...सरकार को शायर की जरुरत-Apply On-Line<br />कायर की चेतावनी, बढ़िया मिली मिसाल,<br />कड़ी सजा दूंगा उन्हें, करे जमीं जो लाल |<br /><br />करे जमीं जो लाल, मिटायेंगे हम जड़ से,<br />संघी पर फिर दोष, लगा देते हैं तड़ से |<br /><br />रटे - रटाये शेर, रखो इक काबिल शायर,<br />कम से कम हर बार, नया तो बक कुछ कायर || <br /><br />आदरणीय मदन शर्मा जी के कमेंट का हिस्सा साभार उद्धृत करना चाहूंगा -<br />अब बयानबाजी शुरू होगी-<br />प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...<br /><br />दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है<br /><br />चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..<br /><br />राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...<br /><br />आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?<br />अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?????रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778896908085961456.post-33348869070120253272011-09-08T15:12:22.664+05:302011-09-08T15:12:22.664+05:30जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,
लिंक नए न...जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,<br />लिंक नए नित खोजता, लगी यही बीमारी | <br /><br />लगी यही बीमारी, चर्चा - मंच सजाता,<br />सात-आठ टिप्पणी, आज भी नहिहै पाता |<br /><br />पर अच्छे कुछ ब्लॉग, तरसते एक नजर को,<br />चलिए इन पर रोज, देखिये स्वयं असर को ||<br /><br />आइये शुक्रवार को भी --<br />http://neemnimbouri.blogspot.com/रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com