नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » प्रसन्नता और गौरैया - एक सिक्के के दो पहलू

प्रसन्नता और गौरैया - एक सिक्के के दो पहलू

Written By Shalini kaushik on रविवार, 20 मार्च 2022 | 8:37 am

      


      20 मार्च अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस और विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रसन्नता कोई वस्तु नहीं है कि आप बाजार में गए और कुछ सस्ती या महंगी पैसा खर्च कर खरीद लाए. प्रसन्नता को आप महँगी होने पर सस्ती दर पर खरीद कर भी प्राप्त नहीं कर सकते, यह वह मानसिक क्षण है जिसे आप तभी पा सकते हैं जब यह आपके मन को गहराई तक स्पर्श करती है और हम भले ही कितने भौतिकवादी हो जाएं, हमारी आत्मा कभी किसी भी प्रकार के छल - प्रपंच का शिकार नहीं हो सकती और हमें सच्ची खुशी हमारी आत्मा की संतुष्टि से ही प्राप्त होती है और हमारी आत्मा की यह संतुष्टि ही प्रसन्नता का सही रूप है और क्योंकि आज विश्व गौरैया दिवस भी है ऐसे में अपने घर की बेटी - गौरैया की सुरक्षा हमें सही रूप में प्रसन्नता का हकदार बना सकती है. पहले घरों में गौरैया के, तोतों के रहने के छोटे छोटे कोटर बनाये जाते थे, पेड़ - पौधे होते थे, आज ये सब खत्म होते जा रहे हैं ऐसे में गौरैया का दिखाई देना भी बंद हो गया है.



      अतः मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपने घर के पास, यदि कस्बों में रहते हैं तो मोहल्ले में, यदि शहरों में रहते हैं तो कॉलोनी में पेड़ पौधे अवश्य लगाएं, उनका संवर्धन और संरक्षण करें. यदि आप वास्तव में ऐसा कर पाते हैं तो निश्चित रूप से आपके आँगन में एक बार फिर गौरैया फुदकते हुए आएगी और तब सच्ची प्रसन्नता आपके चेहरे पर आएगी और हृदय पर छाएगी.

शालिनी कौशिक एडवोकेट

कैराना 

Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.