नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » खंडपीठ /चेंबर /आर्थिक मदद /आरक्षण कुछ तो दें योगी जी - शालिनी कौशिक एडवोकेट

खंडपीठ /चेंबर /आर्थिक मदद /आरक्षण कुछ तो दें योगी जी - शालिनी कौशिक एडवोकेट

Written By Shalini kaushik on शुक्रवार, 25 मार्च 2022 | 10:37 pm

 



      माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने आज उत्तर प्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है. जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ जी ने अपने पिछले कार्यकाल में पुलिस और प्रशासन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते हुए आपराधिक तत्वों को उत्तर प्रदेश में जेल के सींखचों में डालने का कार्य सफलतापूर्वक किया है वहीं न्याय के पैरोकार अधिवक्ताओं के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया योगी सरकार द्वारा अख्तियार किया गया है. योगी आदित्यनाथ जी के माध्यम से सभी के लिए घोषणाएं की जा रही हैं किन्तु वकीलों को लेकर अभी तक किसी मदद का आश्वासन सामने नहीं आया है. अतः देश औेर दुनिया की कोरोना कालीन उपजी विषम परिस्थितियों को देखते हुए मेरा योगी जी से निम्न निवेदन है -

1 - यह कि जूनियर अधिवक्ताओं के लिए आर्थिक सहायता हेतु कुछ राशि सरकार द्वारा घोषित की जाए और कुछ निश्चित धनराशि इस बीमारी के कारण अपने परिजन को खो चुके वकील के परिवार को दिए जाने की जल्द घोषणा की जाए.

2- यह कि रोजगार की समस्या को लेकर देखते हुए आज बड़ी संख्या में युवाओं द्वारा वक़ालत को अपने व्यवसाय के रूप में अपनाया जा रहा है किन्तु कचहरी में जूनियर वकीलों के लिए सबसे बड़ी समस्या उनके व्यवसाय स्थल को लेकर आ रही है. ऐसे में जूनियर वकीलों के चेम्बर के लिए सम्बन्धित कचहरी में स्थल की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए.

3- यह कि वक़ालत व्यवसाय में आज भी महिला अधिवक्ताओं को दोयम दर्जा प्राप्त है और उन्हें अभी भी अपना स्थान मजबूत बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. ऐसे में, महिला अधिवक्ताओं के लिए न्यायालयों में कमिश्नर और सरकारी वकीलों के पदों पर आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जाए.

4- यह कि पिछले 5 दशक से पश्चिमी यू पी के अधिवक्ताओं द्वारा हाई कोर्ट की खंडपीठ की मांग की जा रही है और अब भाजपा नीत सरकार द्वारा अपने मंत्रिमंडल में वेस्ट यू पी को तरजीह दी गई है. ऐसे में अधिवक्ताओं की इस मांग के साथ न्याय करते हुए माननीय योगी जी से निवेदन है कि वेस्ट यू पी में हाई कोर्ट खंडपीठ प्रदान करते हुए यहां की जनता को न्याय के करीब लाया जाए और अधिवक्ताओं के दामन पर हड़ताल प्रिय होने का कलंक हाई कोर्ट खंडपीठ देकर मिटा दिया जाए.

       माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी अधिवक्ताओं की इन सभी समस्याओं पर विचार करेंगे और उन्हें अवश्य हल करेंगे, ऐसा " योगी है तो यकीन है" उक्ति पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा जा सकता है.

शालिनी कौशिक एडवोकेट

कैराना 

Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.