कैराना वह कस्बा जो संगीत के क्षेत्र में किराना घराने की उपाधि से, धर्म के क्षेत्र में कांवड़ियों की मुख्य मध्यस्थ राह के रूप में, कानून के क्षेत्र में शामली जिले की जिला कोर्ट शामली स्थित कैराना के नाम से, राजनीतिक हल्कों में स्व बाबू हुकुम सिंह और मरहूम मुनव्वर हसन की कार्यस्थली और आपराधिक मामलों में व्यापारियों के भारी उत्पीड़न - हत्याओं के चलते कैराना पलायन से विश्व विख्यात रहा है और अपनी इसी खूबी के चलते राजनेताओं और सत्ता की धमक यहां नजर आती ही रहती है, इसी कारण वर्तमान योगी सरकार द्वारा कैराना क्षेत्र को लेकर खास ध्यान दिया गया और यहां पी ए सी कैंप की स्थापना की घोषणा की गई किन्तु पी ए सी कैंप की भूमि के शिलान्यास के कई माह बीतने के बावजूद सरकारी अन्य योजनाओं की भांति यह योजना भी ठंडे बस्ते में नजर आ रही है और इसका खासा असर दिखाई दे रहा है.
ये चोरियां एक साधारण घटना के रूप में नहीं ली जा सकती हैं क्योंकि पहले तो अभी प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार है जिनकी अपराधियों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है और ऐसे में योगी जी के राज्य में धर्म के प्रमुख प्रतिष्ठान मन्दिरों पर हमले सीधे सीधे उत्तर प्रदेश सरकार को चुनौती कही जा सकती है क्योंकि सिद्ध पीठ बरखंडी महादेव मंदिर कैराना में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि मन्दिर में और जगह तांबे के घण्टे लगे हुए हैं ऐसे में तांबे के शेषनाग को तोड़ना निश्चित रूप से उनकी आस्था पर गहरा प्रहार करना है.
योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वितीय कार्यकाल में शामली जिले में अपराध की घटनाएँ बढ़ी हैं न केवल मन्दिरों पर बल्कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले बढ़े हैं, ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय अमल में लाने होंगे.
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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