सांप सरीखे घर के लोग ?- चुनाव
(फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )
हमारा हिंदुस्तान
भेंडिया धंसान
एक भेंड कुएं में कूदी की बस
कुवां भर गया
उनका काम हो गया
शातिर लोग कुछ को खिला पिला
माथे पे बलि का चन्दन लगा
हमारे ही बीच से अगुवा बना …
तालियों की गड़गड़ाहट
पराये मुंह मियाँ मिट्ठू बन
मूरख मंच से ‘मुन्ना” काका
तोते से पढ़ पढ़ा सीख आये
पंद्रह दिन कोशिश करते जोर लगाए
बेटा बहु बेटी को आंगन की चौपाल में
“एक” दिन रविवार को जुटा पाए
विकास गली हैण्ड पम्प चक रोड
रोड पुल स्कूल पंचायत भवन
मंहगाई डायन तक सब ने अंगुली उठाई
लेकिन जब एकजुट होने की
वोट देने की -न देने की बात आई
भ्रष्टाचार के मुद्दे पे बात आई
तो विजय चिन्ह वी की ऊँगली ना उठ पायी
एक एक कर सरकने लगे
सांप सरीखे घर के लोग ?- चुनाव
जाते जाते मुन्ना को सुना गए …
कौन देगा कोचिंग टिउसन बिल्डिंग फीस
ब्लड प्रेशर सुगर डॉ आपरेशन की फीस
डीजल पम्प खाद मजदूरी लों
गिरता कच्चा घर रोटी तेल नोन
लैपटाप प्रोजेक्ट मोटर साईकल
चार पहिया दसियों लाख
निकम्मों की डिमांड है
दहेज़ के दानव का असर देखो
विक्षिप्त बेटी -…
पढ़ी लिखी ढांचा सी ….
घुटन से कैसे बीमार है
सिसकती बीबी उस और मुह फेर कर
आँसू टपकाते बैठ गयी
“मुन्ना” काका खुरपी पलरी लिए
दस विस्वा जमीन -दस प्राणी ….
जोर से साँस लेते भरते आह
ताकने लगे आसमान !!——–
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५
४.२५-५ पूर्वाह्न
कुल्लू यच पी
४.२.२०१२
2 टिप्पणियाँ:
shi bat.
sach likha hae aapne,
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.