सलमान खान की नई फिल्म एक था टाइगर पाकिस्तान में आईएसआई के नाम को इस्तेमाल करने पर बैन हो गई है। दूर से जरूर ऐसा लगता है कि यह पाकिस्तान का हठवादी फैसला है, किंतु जरा करीब जाइए तो लगेगा वास्तव में ऐसा ही फैसला तो भारत को भी लेना चाहिए। यह कैसी बात है कि पाकिस्तान की आईएसआई और भारत की रॉ को एक ही जैसा मान लिया गया और किसी को एतराज तक नहीं हुआ। फिल्म के ट्रेलर में एक वाइस ओवर में कहा गया है पिछल 65 सालों में भारत पाकिस्तान के बीच 4 जंगों हो चुकी हैं, और इनके नतीजे भी सभी को पता हैं। किंतु पाकिस्तान की आईएसआई और भारत की रॉ ऐसी एजेंसियां हैं तो हर घंटे जंगों लड़ा करती हैं।
इस बात पर भारत सरकार को कड़ा ऐतराज होना चाहिए। दरअसल फिल्म का यह डायलॉग साबित करता है कि भारत की रॉ एजेंसी भी आईएसआई की तरह ही आतंकवाद को बढ़ावा देने में मदद करती है। रॉ जैसी प्रतिष्ठित स्वरक्षा के लिए जासूसी करने वाली एजेंसी पर यह आरोप सरासर गलत कहने वाले भारत में ही ऐसी फिल्में चालाकी से ऐसा कर जाती हैं।
सलमान खान उत्साहित फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। भीड़ इकट्ठा करने के लिए माने जाते हैं, एक अच्छे कलाकार हैं। किंतु चुपके से इस तरह का इंजेक्शन भारतीय मानुष में लगा देना बिल्कुल ही गलत है। इस बात पर जंू तक नहीं रेंगा लोगों के सिर पर, कि फिल्म ने कितनी ही चालाकी से यह साबित कर दिया कि रॉ और आईएसआई में कोई फर्क नहीं। आईएसआई मुल्ला परस्ती के साये में आतंक और सिर्फ भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में सहायक होती है। यह बात कई आतंकियों के पकड़े जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर भी साबित हो चुकी है। किंतु रॉ के बारे में पाकिस्तान ऐसे कई मिथ्या प्रयास कर चुका है, साबित नहीं कर पाया। एक अदद फिल्म ऐसा कहकर करने जा रही है और हम हैं कि चुप बैठे हैं।
- वरुण के सखाजी
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