सुना है आडवाणी ने मोदी को न बधाई दी और न कुछ कहा। पत्रकारों ने पूछा तो वे कार में बैठकर तुरंत चले गए।1992 में हमारे यहां एक पास के गांव से पाराशर जी आए थे। वे गैरसियासी थे, पेशे से शिक्षक, किंतु राजनीति का चश्मा जरूर अच्छा रहा होगा। उन्होंने एक कागज में लिखकर भार्गव की डिक्शनरी में लिखा था, अगर कभी भाजपा की सरकार केंद्र में बनी तो आडवाणी चौधरी चरण सिंह की भूमिका निभाएंगे, और सरकार धड़ाम हो जाएगी। जब भी मैं इस डिक्शनरी में घुसता मुझे यह पर्चा वहां मिलता था। 1996 में 13 दिन फिर 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल के लिए बनी भाजपा की सरकार में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। तो लगा पाराशर जी ने यूं ही लिख दिया था। मगर अब मैं उन्हें सलाम करता हूं, वे सही थे। बस उनका अनुमान था अटल और आडवाणी को लेकर पर वह साबित होगा मोदी और आडवाणी के मामले में।-सखाजी
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