नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » fact n figure: अब तो बड़े हो जाओ दुर्योधन!

fact n figure: अब तो बड़े हो जाओ दुर्योधन!

Written By devendra gautam on बुधवार, 9 जनवरी 2013 | 8:28 pm

 झारखंड सरकार के गिरने और चार बर्षों के अंदर तीसरी बार राष्ट्रपति शासन की नौबत आने के बाद जब झारखंडी नेताओं की तरफ ध्यान जाता है तो महाभारत सीरियल का एक डायलाग बरबस ही याद हो आता है कि- तुम बड़े कब होगे दुर्योधन..?
सरकार बनाने के जादुई आकडे का गणित जिसे नर्सरी का बच्चा भी आसानी से समझ सकता है इतने बड़े-बड़े नेता नहीं समझ सके और सिर्फ अपनी सत्ता लोलुपता के तहत सूबे को राजनैतिक अस्थिरता की खाई में धकेल दिया. शिबू सोरेन जैसे एक ज़माने के क्रांतिकारी नेता जो यदि अपनी गरिमा को बरक़रार रखते तो 20  वीं सदी के बिरसा मुंडा के रूप में जनता के ह्रदय में वास करते, परिवारवाद के चक्कर में अपनी फजीहत करा रहे हैं. अपने व्यक्तित्व को हल्का करते जा रहे हैं. अपने पूर्व में अर्जित आभामंडल को धूमिल करते जा रहे हैं. यदि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किसी जन मुद्दे पर मुंडा सरकार से समर्थन वापस लिया होता तो उसे आम जनता की सहानुभूति मिलती. सिर्फ इसलिए कि आपकी पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने को भाजपा तैयार नहीं हुई समर्थन वापस लेने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता. इसे  राजनातिक अपरिपक्वता और बचकानी हरकत के अलावा क्या कहा जायेगा. बहुमत का कोई आंकड़ा नहीं होने के बावजूद यह उम्मीद लगाना कि कांग्रेस इस असम्भव कार्य को संभव बनाकर गुरूजी या उनके साहबजादे हेमंत सोरेन जी का राज्याभिषेक कर देगी दिवास्वप्न के अलावा और कुछ भी नहीं है.कांग्रेस के अंदर यह सामर्थ्य होता तो उसके पास मुख्यमंत्री बनने योग्य नेताओं की कमी है क्या. क्यों पूरे देश में झारखंड की फजीहत करा करे हैं. क्यों अपनी राजनैतिक अपरिपक्वता का प्रदर्शन कर रहे हैं. कम से कम दिशोम गुरु शिबू सोरेन की गरिमा का तो ख्याल करो भाई! एक इतिहास पुरुष कि फजीहत क्यों करने पर तुले हो! जोड़-तोड़ से नहीं जनता के समर्थन से जिस भी कुर्सी पर बैठना है बैठ जाओ कौन मन करता है. लेकिन अपनी सत्ता लोलुपता का इतना भोंडा प्रदर्शन मत करो. राज्य गठन का तेरहवां साल है. इतने संघर्षों और सहदतों के बाद मिले झारखंड की तेरहवीं मत मनाओ. बहुत हो चुका दुर्योधन अब तो बड़े हो जाओ.

--देवेंद्र गौतम

fact n figure: अब तो बड़े हो जाओ दुर्योधन!:

'via Blog this'
Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.