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Life is Just a Life: मुक्तक - तेरे बिन

Written By नीरज द्विवेदी on गुरुवार, 24 अप्रैल 2014 | 8:09 am

Life is Just a Life: मुक्तक - तेरे बिन:

मुक्तक -
तेरे बिन

तुझको जीतूँ
लक्ष्य है मेरा, तुझसे जीत नहीं चहिए,
तेरी जीत
में जीत हमारी, तेरी हार नहीं चहिए,
तू मेरा प्रतिमान
किरन है, जो मैं सूरज हो जाऊँ,
तू मेरा सम्मान
किरन है, जो मैं सूरज हो जाऊँ,
तेरे बिन
उगने ढलने का भी, अधिकार नहीं चहिए,


तेरे बिन
जीने मरने का भी, अधिकार नहीं चहिए।
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