मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल (छठा संस्करण) 25, 26, 27 नंवबर 2022 को चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के 'बृहस्पति भवन' में विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया. आयोजन समिति में नेपाल, ब्रिटेन, रूस, जापान और समस्त भारत से आने वाले अतिथियों का भारत में आयोजक डॉ विजय पंडित और पूनम पंडित द्वारा हार्दिक स्वागत किया गया.
देश विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके अंतरराष्ट्रीय क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ में 26 नवंबर को आयोजित लघुकथा सत्र में डॉ शिखा कौशिक "नूतन" द्वारा लिखित लघु कथा संग्रह "काली सोच" का विमोचन बलराम अग्रवाल जी (वरिष्ठ लघुकथाकार, दिल्ली) श्री जी सी शर्मा (रिटायर्ड डिप्टी एस पी), श्रीमती अंजू खरबंदा (लघुकथाकार, दिल्ली) डॉ अलका शर्मा (दिल्ली) श्रीमती पूर्णिमा (मेरठ) नेपाल से वरिष्ठ लघुकथाकार डॉ पुष्कर राज भट्ट जी द्वारा किया गया और डॉ शिखा कौशिक नूतन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.डॉ शिखा कौशिक नूतन ने अपने संबोधन में लघुकथा के स्वरूप को परिभाषित करने वाले हिन्दी लघुकथा के पितामह स्व सतीश राज पुष्करणा का उल्लेख करते हुए कहा कि वास्तव में लघुकथा मंद मंद बहती हुई सरिता के समान न होकर अनायास प्रस्फुटित झरने के समान है। उन्होंने अपने लघुकथा संग्रह 'काली सोच' में संग्रहित लघुकथा ' प्रेम की अभिव्यक्ति' का वाचन भी किया। जिसमें डॉ शिखा कौशिक द्वारा प्रेम की अभिव्यक्ति - लघुकथा द्वारा प्रेम के विराट और सच्चे स्वरूप का वर्णन किया गया. लेखिका ने लघुकथा का वाचन करते हुए कहा गया कि "प्रेमी ने प्रेमिका को गुलाब का महकता फूल भेंट करते हुए कहा - मैं तुमसे प्रेम करता हूँ. प्रेमिका ने फूल स्वीकार करने से पहले अपना ओढ़ा हुआ शॉल कंधे से उतारा और ठंड से ठिठुरते हुए प्रेमी को ओढ़ा दिया." लेखिका द्वारा की गई प्रेम की उच्च अभिव्यक्ति की सभी उपस्थित अतिथियों द्वारा मुक्त कंठ से सराहना की गई.
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.