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क़ब्रिस्तान की ज़मीन पर जाने से रोका, अल्पसंख्यक आयोग से शिकायत

Written By Saleem Khan on गुरुवार, 6 सितंबर 2012 | 6:43 pm

उत्तर प्रदेश में मुलायम राज है या मोदी राज ! बीते वक्तों में हुए अल्पसंख्यक विरोधी माहौल और  कृत्यों को देखते हुए तो यही लगता है। कहने को तो यूपी में अखिलेश यादव की सरकार है जिसके चलते आभासी तौर पर मुस्लिम तबके में 'फील गुड' का संचार व्यापी है परन्तु हकीकत बिलकुल ही इसके उलट होती जा रही है। 

जी हां  !  उत्तर प्रदेश के महाराजगंज ज़िला के तहसील निचलौल में थाना कोठीभार स्थित ग्राम कमता टोला नह्छोरी में जो ज़मीन सरकारी तौर पर क़ब्रिस्तान हेतु है उस पर क़ब्रों के दफनाने का सिलसिला भी जारी है परन्तु विगत कुछ वर्षों से गाँव में कुछ साम्प्रदायिक मानसिकता वाले निवासियों ने क़ब्रों के दफनाने में रोड़े अटकाने शुरू कर दिए लेकिन जैसे तैसे मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ता था। पिछले ग्राम पंचायत की चुनाव के बाद तो उग्र मानसिकता वाले ग्राम निवासियों (समय आने पर नाम उजागर हो जायेगा) ने खूब ग़दर काटनी शुरू कर दी। उक्त क़ब्रिस्तान में जब स्थानीय मुस्लिम समुदाय के निवासियों ने जब कब्रिस्तान के चारो और पिलर लगा कर मामले को शांत करने का प्रयास किया तो उग्र मानसिकता से ग्रसित दुसरे समुदाय के ग्राम निवासियों ने रात में पिलर को तोड़ डाला जिससे वहां दहशत का माहौल उत्पन्न हो चुका है और अब वहां पर न तो मुर्दे को दफनाया जाता है और न ही वहां  मुस्लिम समुदाय का कोई सदस्य जा पाता है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के समझदार लोगों ने सरकार से इस मामले की लिखित शिकायत की (सभी प्रति AIBA के पास सुरक्षित ) और उस शिकायत पर सत्यता की जांच कर डी एम् एवं एस डी एम् साहब ने कब्रिस्तान की भूमि की खसरा खतौनी, नक्शा इत्यादि को निर्गत कर सत्यापित करते हुए पुलिस बल एवं ग्राम प्रधान श्री दुर्विजय मिश्रा की मौजूदगी में पिलर लगवाने के आदेश दिनांक 11.05.2011 को पारित हुए (प्रति AIBA के पास सुरक्षित) जिसका अमल पुलिस महकमें ने और प्रधान ने किया लेकिन उसी रात दिनांक 12.05.2011 को फिर से साम्रिदयिकता के झंडाबरदारों ने सारे पिलर्स जिसकी कीमत 1 लाख से ज्यादा थी, को तोड़ दिया। जिससे वहां अति साम्प्रदायिक और दहशत का माहौल संचारित हो गया।

मामले की अति गंभीरता को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के समझदार लोगों ने पुनः सरकार से इस मामले की लिखित शिकायत की ( प्रति AIBA के पास सुरक्षित) जिसमें पुराने फैसले को अमल करने की ताकीद की गयी यही नहीं  राज्य अल्पसंख्यक आयोग, प्रमुख सचिव गृह, मानवाधिकार आयोग, मंडलायुक्त गोरखपुर, आई जी, डी आई जी, पुलिस कमिश्नर  सहित सभी सम्बंधित प्रशासकों एवं अधिकारीयों को ज्ञापन एवं शिकायत किया गया   परन्तु अभी तक डी.एम्., एस डी एम् एवं पुलिस व स्थानीय प्रशासन की तरफ से कोई ऐसी कार्यवाही नहीं हुयी।

र्तमान में स्थानीय मुस्लिम तबके में भय और असुरक्षा का माहौल कायम हो चुका है और समझदार मुस्लिम समुदाय के लोगों की वजह से अभी तक हालाँकि इस मुद्दे के चलते कोई अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन यदि प्रशासन का रवैया इसी तरह उदासीन रहा तो थाना कोठीभार स्थित नह्छोरी ग्राम में कुछ भी हो सकता है।

'ल इंडिया ब्लॉगर्स एसोशियेशन' की तहकीकात ने उक्त समस्या की गंभीरता को देखते हुए सभी तरह के साक्ष्यों एवं गवाहों को देखकर आपके सम्मुख प्रस्तुत किया है। अब बस न्याय के सिवा कुछ और नहीं चाहिए !
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1 टिप्पणियाँ:

Jack ने कहा…

भारत में अल्पसंखकों के हिमायतियों को संविधान के बारें में पता चोना चाहिए.. अच्छा लेख है आपका.. यह भी पढे http://days.jagranjunction.com/2012/12/18/minorities-rights-day/

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