नारी का श्रृंगार तो पति है
Written By Surendra shukla" Bhramar"5 on शनिवार, 30 अप्रैल 2022 | 12:37 pm
कचहरी को बाजार न बनाया जाए
Written By Shalini kaushik on शनिवार, 23 अप्रैल 2022 | 12:21 pm
ऐसा नहीं है कि न्यायालय परिसर में यह कोई पहली घटना हो. उत्तर प्रदेश में तो ये घटनाएं आम हैं. कभी शाहजहांपुर में अधिवक्ता की हत्या हो जाती है तो कभी गोरखपुर में दुष्कर्म आरोपी की, गाजियाबाद में कचहरी में कड़ी सुरक्षा के बावजूद वाहनों की चोरी हो जाती हैं किन्तु दो चार दिन महीने सुरक्षा मजबूत कर कचहरी फिर वापस लौट आती है लापरवाही की तरफ, किसी अगली घटना के इंतजार में.
देखा जाए तो कचहरी न्याय पाने का एक केंद्र है और वहां न्यायाधीशों, वकीलों, मुन्शी, न्यायालयों के कर्मचारियों, स्टाम्प वेंडर्स, बैनामा लेखकों आदि न्यायालय कार्य करने वाले और वकीलों के कार्य करने वालों का और कचहरी में आने जाने वालों के चाय नाश्ते आदि का प्रबंध करने वालों का होना एक अनिवार्य आवश्यकता है किन्तु कचहरी में भीख मांगने वालों का आना, मेवे आदि बेचने वालों का आना, कान साफ करने वालों का आना कचहरी को सामान्य बाजार की श्रेणी में ला देता है और उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल देता है और सबसे खतरनाक है ऐसे में बगैर किसी जांच - पड़ताल पूछताछ के गैर जरूरी लोगों का कचहरी परिसर में प्रवेश. क्या ज़रूरी नहीं है ऐसे में ये उपाय -
1 - सभी वकीलों, मुंशियों आदि के लिए आई कार्ड हों.
2- वकील अपने मुवक्किल और गवाहों को कचहरी परिसर में आने का पत्र जारी करें, जिसे गेट पर तैनात पुलिस को दिखाकर ही मुवक्किल और गवाह कचहरी में प्रवेश कर सकें.
3- जिन लोगों का कचहरी के किसी कार्य से ताल्लुक नहीं है, उन्हें केवल सामान या सेवा बेचने के लिए या भीख मांगने के लिए ही कचहरी में आना है, उनका कचहरी में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए.
4- कचहरी में प्रवेश करने वाले की जांच पड़ताल कर ही प्रवेश कराया जाए और यदि उसके पास हथियार या कोई भी घातक वस्तु हों तो उसके लाने का कारण पता कर गेट पर ही रजिस्टर में दर्ज कर हथियार जमा कराया जाए और गैर जरूरी होने पर हथियार सहित कचहरी में प्रवेश न करने दिया जाए.
हमें ये प्रतिबंध नागवार गुजर सकते हैं किन्तु ये सब जरूरी हैं न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ और सुरक्षित रूप से कायम रखने के लिए और मैं समझती हूं कि सतर्कता के तौर पर इन्हें अपनाया जाना चाहिए.
शालिनी कौशिक एडवोकेट
कैराना
बाल मजदूरी - भारत का कलंक
Written By Shalini kaushik on बुधवार, 20 अप्रैल 2022 | 11:23 pm
उठे न बोझ खुद का भी उठाये रोड़ी ,सीमेंट को .”
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”लोहा ,प्लास्टिक ,रद्दी आकर बेच लो हमको ,
हमारे देश के सपने कबाड़ी कहते हैं खुद को .”
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”खड़े हैं सुनते आवाज़ें ,कहें जो मालिक ले आएं ,
दुकानों पर इन्हीं हाथों ने थामा बढ़के ग्राहक को .”
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”होना चाहिए बस्ता किताबों,कापियों का जिनके हाथों में ,
ठेली खींचकर ले जा रहे वे बांधकर खुद को .”
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”सुनहरे ख्वाबों की खातिर ये आँखें देखें सबकी ओर ,
समर्थन ‘शालिनी ‘ का कर इन्हीं से जोड़ें अब खुद को .”
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वकीलों का ड्रेस कोड
Written By Shalini kaushik on मंगलवार, 19 अप्रैल 2022 | 12:01 pm
अंदोसर शिवालय कांधला विश्व धरोहर घोषित हो
Written By Shalini kaushik on सोमवार, 18 अप्रैल 2022 | 8:46 am
18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है. पुरसीवाडा (पंजाब) से आए पंडित रामचंद्र जी के तीन पुत्रों हकीम शिवनाथ जी, पंडित शिव प्रसाद जी और पंडित शिव सिंह जी द्वारा वर्ष 1800 में कस्बा कांधला के उत्तरी भाग में शिवालय की स्थापना की गई. यह शिवालय कांधला के सबसे बड़े क्षेत्र में स्थापित शिवालय है और 200 साल से पूरे भारत के भक्तों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है. साधू - संतों की शरण स्थली के रूप में रहा यह मन्दिर आज भी स्वामी सत्यनारायण गिरी महाराज जी की शरण स्थली है और यहां हकीम शिवनाथ जी द्वारा साधू संतों के ठहरने के लिए मुसाफिर खानों का निर्माण भी कराया गया है. सूर्य की पहली किरण आकर प्रभु गौरी नाथ के सिद्ध पीठ को नमन करती है और प्रभु भोलेनाथ का श्वेत शिवलिंग भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी से विनम्र निवेदन है कि पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर नई बस्ती कांधला के शिवालय मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला, कांधला को विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया जाए.
सभी सनातन धर्मावलंबियों को ‼️विश्व धरोहर दिवस ‼️की हार्दिक शुभकामनाएं
हर हर महादेव 🙏🌼🙏
निवेदन
शालिनी कौशिक एडवोकेट
अध्यक्ष
मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड)
व्यापारी वर्ग " पाप से घृणा" का उदाहरण प्रस्तुत करता.
Written By Shalini kaushik on सोमवार, 4 अप्रैल 2022 | 4:14 pm
2 अप्रैल 2022 से विक्रम संवत 2079 का आरंभ होता है. चूंकि संवत की शुरूआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में नवरात्रों से होती है और नवरात्र के व्रतों में हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा कुट्टू के आटे का ही प्रयोग बहुतायत में किया जाता है तो यही किया गया किन्तु दुर्भाग्यवश वह आटा शामली और सहारनपुर जिले के 28 व्रती जनों को नुकसानदायक रहा और उन्हें स्वास्थ्य लाभ हेतु अस्पताल जाना पड़ गया.
खबर तेजी से फैल गई और जिला मजिस्ट्रेट शामली सुश्री जसजीत कौर ने सतर्कता बरतते हुए तुरंत जांच के निर्देश जारी कर दिए और एसडीएम बृजेश कुमार सिंह पहुंच गए उन दुकानों पर, जहां से खाद्य पदार्थ की बिक्री हुई थी. जहां पहुँचकर उन्होंने खाद्य पदार्थों के नमूने लिए और नमूने लेते ही शुरू हो गया प्रशासन की कार्रवाई का व्यापारियों द्वारा विरोध.