मैंने अपनी हड्डियों का चूरा बनाया है
जब कहीं आपका
अमेरिकन टूरिस्टर का बैग उठाया है
भीड़ को चीरकर आपको कोच तक पहुंचाया है
अगर इसे मेरी मनमानी कहो तो कहो
हमें तो कोई जानता भी नहीं
अगर
अमिताभ ने कुली का रोल निभाया न होता
सौ रुपये महज दो पचास-पचास किलो के बैग बहुत लगते होंगे
मगर तुम जरा इनको टस से मस तो कर दिखाओ
फिर हमें सिखाओ
चीलगाड़ी में बीस किलो के ऊपर
पर केजी दोगे
मशीन के श्रम को श्रम मानते हो
मेरी हड्डियों का चूरा
कोई उड़ती धूल जानते हो
-सखाजी
11:09 pm
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5:03 pm
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