Life is Just a Life: सूखी आँखें Sookhi Ankhein: सपने टूटे, फिर बिखर गए , आँसू जेहन में, ठहर गए , कुछ गिरे मगर नाकाफी थे , जो गिरे न जाने किधर गए ? खुशियाँ बीमार मिलीं मुझको ...
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Life is Just a Life: सूखी आँखें Sookhi Ankhein
Written By नीरज द्विवेदी on शनिवार, 16 जून 2012 | 3:12 pm
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1 टिप्पणियाँ:
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (17-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
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Thanks for your valuable comment.