सुनिये मेरी भी....: किया जा रहा है एक धोखा, नाम 'वास्तु' है !...
आपके घर में रोशनी आये, हवा का आना जाना न रूके, बारिश व सीलन से घर बचा रहे व कीमती सामान सुरक्षित रहे... यदि आपका घर यह सब कर रहा है तो उसमें कोई वास्तु दोष नहीं... बेफिकर उसमें रहिये... जीवन की अपनी सफलताओं व विफलताओं व अपने आसपास के लोगों से अपने अच्छे-बुरे संबंधों के कारण अपने अंदर ढूंढिये... और कोई स्वयंभू वास्तु विशेषज्ञ यदि आपको फिर भी घर के वास्तुदोष गिना रहा है तो आप सीना तान के उस से कहिये...
बंधु,
कर रहे हो एक धोखा, तुम सबसे, नाम वास्तु है !
बंधु,
कर रहे हो एक धोखा, तुम सबसे, नाम वास्तु है !
http://praveenshah.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
उनकी पोस्ट पर हमारा विचार यह है-
विचार भी वास्तु मात्र हैं. घर-दूकान और वस्तुओं का वास्तु ठीक करने के बाद भी समस्या से नजात न मिले तो अपने विचार का वास्तु ठीक कर लीजिये आपकी समस्या दूर हो जायेगी.
आप चिंता, नफ़रत और ग़ुस्सा छोड़ दीजिये, आपके शरीर में फ़ालतू एसिड नहीं बनेगा. आप दुश्मनों को माफ़ कर दीजिये. आपका मन निर्मल हो जाएगा. साड़ी मनोग्रंथियाँ विलीन हो जायेंगी. आप लोगों से मुस्कुरा कर मिलें, हर जगह आपका स्वागत किया जाएगा. आप नौकरी कर रहे हैं तो स्किल्ड लेबर है. आप हमेशा तंगदस्त और क़र्ज़दार रहेंगे. ५० साल में आप जो बचायेंगे उसे आप से किसी अस्पताल में ५० दिन में ले लिया जाएगा. आप अपना छोटा सा बिजनेस शुरू करें. समय के साथ वह बढ़ता जाएगा और दो चार साल में ही आप धनवान हो जायेंगे.
यह सब तब होगा जब आप अपने विचार का वास्तु ठीक कर लेंगे.
उनकी पोस्ट पर हमारा विचार यह है-
विचार भी वास्तु मात्र हैं. घर-दूकान और वस्तुओं का वास्तु ठीक करने के बाद भी समस्या से नजात न मिले तो अपने विचार का वास्तु ठीक कर लीजिये आपकी समस्या दूर हो जायेगी.
आप चिंता, नफ़रत और ग़ुस्सा छोड़ दीजिये, आपके शरीर में फ़ालतू एसिड नहीं बनेगा. आप दुश्मनों को माफ़ कर दीजिये. आपका मन निर्मल हो जाएगा. साड़ी मनोग्रंथियाँ विलीन हो जायेंगी. आप लोगों से मुस्कुरा कर मिलें, हर जगह आपका स्वागत किया जाएगा. आप नौकरी कर रहे हैं तो स्किल्ड लेबर है. आप हमेशा तंगदस्त और क़र्ज़दार रहेंगे. ५० साल में आप जो बचायेंगे उसे आप से किसी अस्पताल में ५० दिन में ले लिया जाएगा. आप अपना छोटा सा बिजनेस शुरू करें. समय के साथ वह बढ़ता जाएगा और दो चार साल में ही आप धनवान हो जायेंगे.
यह सब तब होगा जब आप अपने विचार का वास्तु ठीक कर लेंगे.
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