रायपुर.
तकनकी युग में ई-पुस्तकों का दौर है। आने वाला वक्त पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगा। यह अच्छा है। एक छोटे से टैब में सैकड़ों पुस्तकों को पढ़ स·ते हैं। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकर रमेश नैयर का श्री नैयर बरुण सखाजी के पहले व्यंग्य उपन्यास परलोक में सैटेलाइट के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे। यह छत्तीसगढ़ का ऐसा पहला उपन्यास है जो ईबुक के तौर पर विमोचित किया गया है। वृंदावन हॉल में २७ अप्रैल २०१५, सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि साहित्यकार सुभद्रा राठौर ने कहा कि व्यंग्य में नई शब्दावली गढ़ी गई है। जैसे यकीनेबल। अप्सराइजेशन आदि। नई और नई ऐसी बातें भी की गईं हैं, जो जुमले की तरह हैं। जैसे भगवान विष्णु ही क्यों सर्वोच्च हैं, क्योंकि वे ही इकलौते ऐसे भगवान हैं, जो अपनी पत्नी से पैर दबवा सकते हैं। उनके अलावा कोई और नहीं जो इतना बड़ा साहस कर सकता। लेकिन व्यंग्य में गालियों का इस्तेमाल गैरज़रूरी लगता है.
विज्ञान और धर्म के रोचक कथानक
विशिष्ट अतिथि व्यंग्यकार प्रभाकर चौबे ने कहा कि नए लोगों में जबरदस्त ऊर्जा दिखाई देती है। परलोक में सैटेलाइट में विज्ञान और धर्म की मिलीजुली फंतासी है। यह प्रज्ञ और परिपूर्ण लेखन की निशानी है।
हास्य की परिधि तोड़ता है परलोक में सैटेलाइट
अन्य विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ पत्रकार अभय किशोर ने कहा कि परलोक में सैटेलाइट हास्य की परिधि को तोड़कर नश्तर से मौजूदा व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करता है। विशिष्ट अतिथि दूरदर्शन केंद्र के निदेशक संजय प्रसाद ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि लेखन के मामले में रायपुर समृद्ध है। परलोक में सैटेलाइट के जरिए जिस हास्य को छूने की कोशिश की गई है, वह लाजबाव है। वहीं विशष्ट अतिथि महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि परलोक में सैटेलाइट एक तरह से अंतरिक्ष, विज्ञान और धर्म के बीच त्रिकोण बनाता है। कार्यक्रम का संचालन अनिल द्विेदी ने किया। अंत में अतिथियों और आगुंतकों का आभार वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश बजाज ने किया।
नॉटनल डॉट काम से क रें डाउनलोड
इस व्यंग्य उपन्यास को नॉटनल डॉट काम से डाउनलोड किया जा सकता है। वहीं यह जल्द ही न्यूजहंट मोबाइल एप पर भी जारी होने जा रहा है। इसके अलावा उपन्यास की हार्डकाही के लिए ९००९९८६१७९ पर एसएमएस करके मंगाई जा सकती है।
यहां से करें डाउनलोड।
http://notnul.com/Pages/ViewPort.aspx?Shortcode=eAVycMqD
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व्यंग्य उपन्यास ''परलोक में सैटेलाइट'' विमोचित
Written By Barun Sakhajee Shrivastav on गुरुवार, 7 मई 2015 | 2:37 am
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