18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है. पुरसीवाडा (पंजाब) से आए पंडित रामचंद्र जी के तीन पुत्रों हकीम शिवनाथ जी, पंडित शिव प्रसाद जी और पंडित शिव सिंह जी द्वारा वर्ष 1800 में कस्बा कांधला के उत्तरी भाग में शिवालय की स्थापना की गई. यह शिवालय कांधला के सबसे बड़े क्षेत्र में स्थापित शिवालय है और 200 साल से पूरे भारत के भक्तों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है. साधू - संतों की शरण स्थली के रूप में रहा यह मन्दिर आज भी स्वामी सत्यनारायण गिरी महाराज जी की शरण स्थली है और यहां हकीम शिवनाथ जी द्वारा साधू संतों के ठहरने के लिए मुसाफिर खानों का निर्माण भी कराया गया है. सूर्य की पहली किरण आकर प्रभु गौरी नाथ के सिद्ध पीठ को नमन करती है और प्रभु भोलेनाथ का श्वेत शिवलिंग भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी से विनम्र निवेदन है कि पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर नई बस्ती कांधला के शिवालय मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला, कांधला को विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया जाए.
सभी सनातन धर्मावलंबियों को ‼️विश्व धरोहर दिवस ‼️की हार्दिक शुभकामनाएं
हर हर महादेव 🙏🌼🙏
निवेदन
शालिनी कौशिक एडवोकेट
अध्यक्ष
मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड)
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