नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » ये क्या हो रहा है ?

ये क्या हो रहा है ?

Written By Anamikaghatak on सोमवार, 27 जून 2011 | 11:22 am

ये क्या हो रहा है ? . भारत और चीन की सीमा पर चीनी कंपनियां धड़ल्ले से निर्माण कर रही हैं। लेकिन चीन के साथ पिछले साल विवाद के बाद भारत ने लद्दाख में सीमा से सटे इलाकों में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। लेकिन भारत सरकार के इस रुख को लेकर लद्दाख के डेमचोक इलाके के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी है। लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंटल काउंसिल के प्रतिनिधि गुरमेत दोर्जी का कहना है कि स्थानीय लोग भारत सरकार के इस रुख से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।दोर्जी ने कहा, ‘चीन सीमा पर निर्माण कार्य कर रहा है, लेकिन हम नहीं कर सकते। इस आदेश का मतलब क्या है? नई दिल्ली में एसी कमरों में बैठने वाले यह तय नहीं कर सकते कि हमारे लिए क्या सही है।’  स्थानीय लोगों का कहना है कि भारत सरकार के आदेश के बाद ग्रामीण विकास से जुड़े काम रोक दिए गए हैं। साथ ही स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े निर्माण भी थम गए हैं।हम कब तक कहते रहेंगे हिंदी-चीनी भाई भाई और हमारे सेंटीमेंट्स के साथ ये कब तक खिलवाड़ करते रहेंगे? भारत के खिलाफ जासूसी करने में हो या ब्रह्मपुत्र के स्रोत पर बाँध बनाने की योजना हो...चीन ने हमेशा तत्परता दिखाई है |क्या हम इतने मजबूर है हम इसके खिलाफ एक शब्द तक नहीं निकल सकते?ऐसे में रचनाकार: उदयप्रताप सिंह जी की कविता बिलकुल फिट बैठता है ...
ना तीर न तलवार से मरती है सचाई 
जितना दबाओ उतना उभरती है सचाई 

ऊँची उड़ान भर भी ले कुछ देर को फ़रेब 
आख़िर में उसके पंख कतरती है सचाई 


Share this article :

1 टिप्पणियाँ:

रविकर ने कहा…

चमड़ी बड़ी मोटी है--
न पक्ष न विपक्ष
सब मस्त |
समझदार की मौत सुनिश्चित ---

कुर्सी के खटमल करें, मोटी-चमड़ी छेद |
मर जाते अफ़सोस पर, पी के खून सफ़ेद ||

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.