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ओशो की वाणी ने, ऐसा गज़ब ढाया

Written By Brahmachari Prahladanand on सोमवार, 12 दिसंबर 2011 | 10:18 am

ओशो की वाणी ने, ऐसा गज़ब ढाया,
खुल गए सूत्र, ढह गयी सब माया,
द्वार खुला अनंत का, बदल गयी काया,
ओशो की वाणी ने, ऐसा गज़ब ढाया,

ओशो चला गया, देह से,
उजाला दे गया, गेह से,
उसके उजाले में, धेह से,
देख लिया सब, नेह से,

ओशो के जलते सूरज से,
हमने भी अपना दिया रोशन किया,
ओशो के जलते सूरज से,
हमने भी अपना रास्ता रोशन किया,

सीधी बात करता था, ओशो,
न लाग लपेट करता था, ओशो,
सही बात करता था, ओशो,
न किसी से डरता था, ओशो,

ध्यान का अथाह सागर, दे गया ओशो,
जिसमे डूबने में, मरने को, कह गया ओशो,
ध्यान की वो विधियां, जो न जाने कहाँ खो गईं थी,
उनको फिर से सबको सिखा गया, ओशो,


                                      ------- बेतखल्लुस


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