नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » पीस पार्टी का दमदार आग़ाज़

पीस पार्टी का दमदार आग़ाज़

Written By Saleem Khan on शनिवार, 4 फ़रवरी 2012 | 5:14 pm

वैसे तो कई पार्टियाँ को दशकों और सदियों पुरानी भी हैं, को उत्तर प्रदेश के इस विधान सभा चुनाव में कुछ नम्बर पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है वहीँ अपनी साफ़ और अच्छी नियत के चलते पीस पार्टी स्वतः ही जनता के मन में अपना घर बनाती चली जा रही है. अतिश्योक्ति न होगी 'गर यह कहा जाये कि यक़ीनन राजनैतिक दलों के इस इलेक्शन रूपी एक्ज़ाम में पीस पार्टी अप्रत्याशित रूप से अच्छे अंक लाएगी. पिछले चुनावों के नतीजों और जनता के रुझान से यह कहना और भी सत्य होती प्रतीत हो रही है.

सबसे अच्छी बात जो यह इस कि इस पार्टी का नाम ही इतना अच्छा है कि आमजन की जुबां पर घर कर जा रहा है. अख़बारों के न्यूज़ में हर रोज़ कम से कम एक न्यूज़ पीस पार्टी की अवश्य होती है. बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा के बाद अगर कोई पार्टी है तो वह है पीस पार्टी. बस उन्हें इस के आगे कि ऐसी रणनीति बनानी होगी जो उक्त चारों से आगे जा सके. वैसे भाजपा और सपा ये दोनों तो इस चुनाव में किसी भी हाल में ज़्यादा सीटें नहीं निकाल पाएंगे. वहीँ अगर सपा और भाजपा का वोट बैंक खिसकेगा तो प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस और पीस पार्टी को ही फ़ायेदा होगा. पीस पार्टी को हरित प्रदेश में भी अपनी पैठ नितिपूर्वक बनानी होगी क्यूंकि वहाँ जाटों से ज़्यादा तादात मुसलमानों की है. यदि उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े होते हैं तो मेरे हिसाब से हरित प्रदेश में उसका विजय पताका ज़्यादा आसानी से फ़हर सकेगा. मैं यह नहीं कहता की पीस पार्टी को जाती-गत अथवा धर्म-गत राजनीति करनी चाहिए बल्कि प्रदेश में उसको अपना सिक्का ज़माने के लिए ऐसा करना ही पड़ेगा.

सलीम ख़ान
नगर सचिव, लखनऊ
पीस पार्टी
सबसे अच्छी बात यह है कि पीस पार्टी के साथ हर तबके की जनता आ रही है, लखनऊ कैंट से एक सिख उम्मीदवार का नामांकन भी यह संकेत है कि सभी वर्ग इस के प्रति  अपनी आस्था प्रकट कर रहें हैं. वैसे सब कुछ आने वाले 6 मार्च को जनता के सामने होगा. आगे आगे देखिये होता है क्या !

(लेखक पीस पार्टी के ज़िला लखनऊ से नगर सचिव हैं)


**लेख में दर्शित भाव व विचार लेखक के अपने हैं इससे लखनऊ ब्लॉगर एसोशियेशन का कोई सरोकार नहीं हैं.  
Share this article :

1 टिप्पणियाँ:

India Darpan ने कहा…

बहुत प्रशंसनीय.......

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.