वोह औरतें या मर्द जो जानवरों की तरह कहीं भी ,कभी भी, किसी से भी ,शारीरिक सम्बन्ध बना लेने को गलत नहीं समझते यदि अपने शरीर का प्रदर्शन करते दिखाई दें तो बात समझ में आती है लेकिन आश्चर्य तो उस समय होता है जब वो लोग जो इस्लाम के कानून को मानने का दावा करते हैं अपने शरीर का प्रदर्शन करते नजर आते हैं|
कई बार तो महरम और नामहरम की परिभाषा भी यह बदल देते हैं |कभी किसी नामहरम के करीब जाते हैं तो कहते हैं बेटी जैसी है, कभी कहते हैं बहन जैसी है | वहीं इस्लाम कहता है यह नामहरम है इस से पर्दा करो | “अल्लाह ओ अकबर “ का नारा लगाने वाले ऐसे दो चेहरे वाले मुसलमानों के यहाँ होता वही है जो यह चाहते हैं या जो इनका खुद का बनाया कानून कहता है |क्योंकि सवाल नामहरम औरत की कुर्बत का है| अल्लाह कहता है दूर रहो ,इंसान का दिल कहता है औरत के करीब रहो |जीत इन्सान के दिल की गलत ख्वाहिशों की होती है और नतीजे में कभी बलात्कार होता है कभी व्यभिचार होता है |जब औरत के शरीर के करीब रहने की लालच इंसान को अल्लाह से दूर कर देती है,इस्लाम के कानून को भुला देता है तो दौलत और शोहरत की लालच के आड़े आने वाले इस इस्लाम के कानून को भुला देने में कितनी देर लगेगी |
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कई बार तो महरम और नामहरम की परिभाषा भी यह बदल देते हैं |कभी किसी नामहरम के करीब जाते हैं तो कहते हैं बेटी जैसी है, कभी कहते हैं बहन जैसी है | वहीं इस्लाम कहता है यह नामहरम है इस से पर्दा करो | “अल्लाह ओ अकबर “ का नारा लगाने वाले ऐसे दो चेहरे वाले मुसलमानों के यहाँ होता वही है जो यह चाहते हैं या जो इनका खुद का बनाया कानून कहता है |क्योंकि सवाल नामहरम औरत की कुर्बत का है| अल्लाह कहता है दूर रहो ,इंसान का दिल कहता है औरत के करीब रहो |जीत इन्सान के दिल की गलत ख्वाहिशों की होती है और नतीजे में कभी बलात्कार होता है कभी व्यभिचार होता है |जब औरत के शरीर के करीब रहने की लालच इंसान को अल्लाह से दूर कर देती है,इस्लाम के कानून को भुला देता है तो दौलत और शोहरत की लालच के आड़े आने वाले इस इस्लाम के कानून को भुला देने में कितनी देर लगेगी |
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