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सब मिल बोलो मोदी लहर नहीं है...

Written By Barun Sakhajee Shrivastav on शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014 | 4:27 pm

जिनका है उन्हें क्रेडिट.
भूतों से डरने की ज़रूरत नहीं, तेज स्वर में बोलो भूत नहीं होता...मोदी की लहर नहीं एक स्वर में बोलो कोई लहर नहीं...कोई कहे विकास, रोड, पानी, नौकरी, स्थाई अर्थ व्यवस्था, ग्रोथ...तो मोहन के पास मैडम के सिखाये मंत्र हैं न...
धर्म निर्पेक्षताये नमः,
मुस्लिमों पे खतराए नमः,
गुजरात दंगाये नमः
इन्दिराए नमः,
१२५ साल पुरानी पार्टिये नमः
बम में मरे बलिदानाए नमः

१० साल तक इतना काम किया कि, देख ही नहीं पाए चारों तरफ अँधेरा छा गया. घुप अन्धकार, सियारों की आवाजें, सांपों का सड़कों पर खुल्ला घूमना और भी न जाने क्या-क्या है रास्ते में. न जाने क्यों घडी नहीं देख पाए, तभी तो खराब घडी आ गई है. मगर करते भी क्या, पीएमओ में काम ही इतना रहता है. कोई कितना भी चाहे मगर वक्त पर नहीं निकल सकता. फिर आखिर में दिन भर की रिपोर्ट भी तो मैडम लेती हैं. इन्हें बताना पड़ता है, दिन भर में मीडिया ने कितना लताड़ा, उसके बदले में आपने कितना उन्हें कोसा, कल की तुलना में कुछ कम लताड़ा तो उपलब्धि वरना खतरा, किसी मंत्री ने कोई अकेले ही तो करप्शन नहीं कर डाला, मैडम और मुझे पता ही न चला हो, पता चला तो कोई बात नहीं मगर बिना बताये ऐसा करने पर अनुशासन भंग की कार्रवाई क्यों नहीं की, ऊपर से शाम होते ही पत्नी एसएमएस करने लगती है, कब तक आओगे, भिन्डी खाते नहीं हो चिकेन डॉक्टर ने मन किया है, बताओ क्या खाओगे, ज्यादा लेट किया तो फोन आ जाता है, मोबाइल नहीं उठाया तो आफिस के नंबर पे लगा देती है. वो पारख स्साला शाम होते ही फोन पे किसी न किसी बहाने से डट जाता है, फोन उठाके बोलता था मैडम का फोन है...घर वाली मैडम का....सरकार वाली नहीं. घर वाली मैडम फोन पे दहाड़ती और कहती तुम्हे किसने कहा था पीएम की नौकरी करो.
जिनका है उन्हें क्रेडिट.
आरबीआई में कितने मजे थे. मुझे तुम पर उसी वक्त से गुस्सा आता है, जब तुमने मेरी एक न सुनी. तुम अमेरिका के कुछ बनियों के चक्कर में देश में उदारवाद की बातें कर रहे थे. वो तो मेरी मति मारी गई थी, जो उसी वक्त पंजाब न चली गई. तुम्हे तभी रोकना था, जब वित्त मंत्री बने थे. लेकिन मैंने सोचा चलो भाई जिसके लिए अर्जुन, मोतीलाल, विध्याचरन, नरसिम्हा ओंधे मुह गिरते थे, वो तुम्हे तुम्हारी अमेरिकी दोस्तों से दोस्ती की क़ाबलियत पर मिल गया. मगर तुम ऐसी नौकरी में फसोंगे सोचा न था. थोडी ही देर में फिर फोन घनघनाया,...इस बार बारू ने उठाया..मोहन की तरफ मुस्कुराते हुए लो भाई किसी बच्चे की आवाज़ है...वहाँ बाहुल बाबा की आवाज़ थी....अंकल मेरे लिए आते समय कनाट प्लेस से गाँव, गरीब, किसान के टेटू लेते आना. वो चुनाव हैं न तो माँ ने कहा है गाँव, गरीब, किसान को पहचान. मोहन के पास पहले से क्या कम काम थे.
आज तो बड़ी घबराहट हो रही है, डर लगने लगा है. यूँ तो मोहन रोज पीएमओ में काम ख़तम करते-करते लेट होता था. रोज़ सियारों की आवाजे और सांपो को सड़कों पे देखता था, मगर किसी तरह से स्कूटर इधर-उधर करके चला जाता था..इस बार वह थोडा ज्यादा डरा हुआ है. दरअसल जयराम रामेश ने दोपहर में आके कहा था रस्ते में मोदी की लहर है, तब से ही मोहन परेशान था. बारू और पारख ने बहुत समझाया मोदी एक नेता है...उसकी लहर है चुनाव को लेकर...लेकिन इससे डरना क्या...दरअसल मोहन मोदी लहर यानी कोई भूत समझ रहे थे. मोहन से पंकज पचोरी ने भी कहा, डोंट वरी सर....जिस चीज से डर लगे इसके खिलाफ बोलते जाओ डर...और मन से कहो मोहन तुम्हे किसी चीज से डर नहीं लगता बस...जाओ फिर.
जिनका है उन्हें क्रेडिट.
मोहन को राहत मिली. उसने रट लगाईं, मोदी की कोई लहर नहीं है....मोदी की कोई लहर नहीं है...वह आगे जाता गया, बहुत आगे कपिल की साईकिल मिल गई...मोहन बोला कपिल मोदी की कोई लहर नहीं है...कपिल बोला हाँ मोहन कोई लहर नहीं है, डरो मत मैं भी यही कहते हुए जा रहा हूँ...मोहन का स्कूटर तीसरे गियर में था...जय राम रामेश पैदल मिले, मोहन ने कहा जय राम मोदी की कोई लहर नहीं है...रमेश ने कहा हाँ मोहन डरो मत इतनी ज्यादा लहर भी नहीं है...मोहन का डर और बढ़ गया...आगे नटखट दिग्गी मिला, मोहन ने हाथ हिलाया बोला मोदी की कोई लहर नहीं है...दिग्गी ने भी कहा कोई लहर नहीं है...उसे तो दिल्ली के बुखारी बाबा ने भगा दिया है....मोहन को ताकत मिली...ऐसे ही मनीष, अभिषेक, अहमद, जनार्दन, अंटोनी, मोइली, नबी आदि मिलते मोहन सबसे कहता मोदी की कोई लहर नहीं है... वे सब भी मोहन का बताते मोदी की कोई लहर नहीं....
मोदी लहर का भूत थोडा कमजोर पड़ा. लेकिन मोहन को अब सबसे बड़ी परीक्षा देना थी....बड़ी खाई पड़ती है. इसमें विख्यात है कि कई तरह के भूत रहते हैं. मोहन की घिग्घी फिर से बांध गई, ठीक वैसे ही जैसे १० सालों से बंधी थी....
जिनका है उन्हें सप्रेम क्रेडिट.
खाई में दाखिल होते ही आवाज़ आई विकास...मोहन बोला नहीं मैं मोहन...फिर आवाज आई विकास...मोहन बोला नहीं मैं मोहन हूँ... फिर से आवाज़ आई गुजरात की सड़के..मोहन बोला नहीं अभी तो भूतों वाली खाई है. फिर आवाज़ आई नदियों को जोड़ेंगे, मोहन बोला भाई जो करना है कर लो बस मुझे घर जाने दो...मोदी लहर नहीं है...मोहन ने कहा. फिर आवाज़ आई...विकास...मोहन समझ गया अब वह पूरी तरह से भूतों के घेरे में है लाख कहे मोदी लहर नहीं है या भूत नहीं है तो भी भूत उसे छोड़ेंगे नहीं आज तो मर गया...इधर पत्नी का फोन फिर बजा...आवाज़ आई मोहन तुम अभी पीएमओ में हो या १० जनपथ पे...मोहन का गला सूख रहा था...आवाज़ नहीं निकल रही थे...बस इतना बोला घर आ पाया तो ज़रूर बताऊंगा..और फोन काट दिया.
मोहन ने मैडम के सिखाये मन्त्र पढ़े, जब भी कोई विकास, सड़क, बिजली, पानी, रास्ते, राजमार्ग, रोजगार जैसे भूतों से तुम्हारा सामना हो तुम इन मंत्रो का जाप करना...मोहन चिल्लाया...
धर्म निर्पेक्षताये नमः
मुस्लिमों पे खतराये नमः 
गुजरात दंगाये नमः
बस इन मन्त्रों के पढ़ ही रहा था की पीछे से कई आवाज़े इन्ही मंत्रों का रिपीट जाप कर रही थी...
धर्म निर्पेक्षताये नमः
मुस्लिमों पे खतराये नमः 
गुजरात दंगाये नमः
मोहन ने पीछे मुडके देखे...तो कपिल, अभिषेक, दिग्गी, बाहुल बाबा, रियंका दीदी, कॉर्पोरेट वाड्रा, सोना चांधी, मनीष, नबी आदि थर थर कम्पते हुए इस मन्त्र का जाप कर थे.
जिनका है उन्हें सप्रेम क्रेडिट.
पास ही में अदानी, अम्बानी, अदानी, अम्बानी का जाप करते हुए एक "जाम आदमी" गले में मफलर लगाये खड़ा था....एक "हाथी" पे बैठी जोगन जाप कर रही थी मुस्लिमों पे अत्याचार नहीं होने देंगे....तो साईकिल की घंटी बजाते हुए गिर के सिंहों का पीछा करते हुए "उत्त पदेश" का नेता भाग रहा था...बिहार में सरकारी राम मंदिर बनाने वाला एक दडियल बार बार सांसे लेके छोर रहा था...जैसे डर के मारे पगला गया हो.
विकास, सबके लिए खाना, सबके लिए नौकरी, स्थाई अर्थ व्यवस्था, हाई सेंसेक्स, दो अंकों में ग्रोथ, बड़ी सड़के, पानी भरपूर, सर्वश्रेष्ठ मॉस ट्रांसपोर्टेशन आदि आदि कुछ अजनबी से आवाज़े आ रही थे,,,,इनका सामना कर रहे लोग थर थर काँप रहे थे...मोहन ने आवाज़ लगाई भागो भाई....मोदी की लहर आई...
- सखाजी.
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6 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

बहुत सूंदर प्रस्तुति
मैँ भी इस ALL INDIA BLOGGER ASROCIATION का MEMBER बनना चाहता हूँ यदि संभव हो तो...!

Vaanbhatt ने कहा…

धो डाला...बहुत खूब...

Barun Sakhajee Shrivastav ने कहा…

मयंक जी का तहे दिल से शुक्रिया....आपने इस ब्लॉग को चर्चा के काबिल समझा.

Barun Sakhajee Shrivastav ने कहा…

वानभट्ट जी....धन्यवाद.. पधारे.sakhajee.blogspot.in

Barun Sakhajee Shrivastav ने कहा…

शुक्रिया अभिषेक जी...

Barun Sakhajee Shrivastav ने कहा…

आदरणीय मयंक जी...योग्य समझने पर चर्चा के लिए मेरे ब्लॉग से भी पोस्ट उठाई जा सकती हैं....http://sakhajee.blogspot.in/

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