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Life is Just a Life: मुक्तक - भगत सिंह के नारे

Written By नीरज द्विवेदी on शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014 | 7:32 am

Life is Just a Life: मुक्तक - भगत सिंह के नारे:

जब जब आँखें होतीं बदरा, भाव मेरे बूँदें बन आते,
जब भी बरसा मीठा अम्बर, श्वर मेरे कविता बन जाते,
जीवन की रागनियाँ बजती, और नील गगन में तारे,
सपनों के सरगम पर नाचें, भगत सिंह के नारे।
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