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लघु कथा ----- दिलबाग विर्क

Written By डॉ. दिलबागसिंह विर्क on सोमवार, 14 मार्च 2011 | 3:48 pm

         आज का सच            
अध्यापक ने बच्चों को ईमानदार लकडहारा कहानी याद करने के लिए दी थी . अगले दिन कहानी सुनी जा रही थी . सुनाते वक्त एक बच्चे की जवान लडखड़ाई ." लकडहारा ईमानदार आदमी था ", कहने की बजाए वह बोला -" ईमानदार आदमी लकडहारा था ."
          अध्यापक सोच रहा है कि यही तो आज के वक्त का सच है कि ईमानदार आदमी लकडहारा ही है , अर्थात मजदूर है , गरीब है , बेबस है , मामूली आदमी है और जो भ्रष्ट है वह मालिक है , अमीर है , शहंशाह है , मजे में है .
       ----- sahityasurbhi.blogspot.com
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5 टिप्पणियाँ:

Niranjana ने कहा…

आज के वक्त का सच है कि ईमानदार आदमी लकडहारा ही है , अर्थात मजदूर है , गरीब है , बेबस है , मामूली आदमी है और जो भ्रष्ट है वह मालिक है , अमीर है , शहंशाह है , मजे में है .
.ekdam sahi, yahi ho raha aaj hamare desh mein...thnx.

Udan Tashtari ने कहा…

यही सच है.

Alokita Gupta ने कहा…

Sahi likha hai aapne apni laghu katha mein

Patali-The-Village ने कहा…

इसी में सच्चाई है| धन्यवाद|

vandana gupta ने कहा…

आज के सच को प्रस्तुत कर दिया।

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