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हिप्नोटिज्म - सम्मोहन

Written By Brahmachari Prahladanand on बुधवार, 14 दिसंबर 2011 | 10:16 am


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हिप्नोटिज्म की शुरुवात, हिप से होती है, जब कोई चलता है, और उसके हिप पर जब कोई नज़र रखता है तो वह व्यक्ति हिप्नोटिज्म का शिकार हो जाता है, शिकार इसलिए कहा क्यूंकि वह अब खुद के काबू में नहीं रहता है, और उस हिप वाले के जाल में फंसता चला जाता है, और उसे सारे रस्ते में पता भी नहीं चलता है की उसे कितना रास्ता पार कर लिया और कितने लोगों ने उसे इस हालत में देख लिया, जैसे हिप्नोटिज्म वाले पेंडुलम घुमा कर, हिप्नोटिज्म में ले जाते हैं, उसी तरह से हिप के पेंडुलम में वह अपने आप हिप्नोटिज्म में चला जाता है, यह है हिप्नोटिज्म की बात |

यहाँ पर है हिप्नोटिज्म का उदहारण : -





सम्मोहन वो चीज़ है जब किसी के कोई सम हो जाता है यानी की बराबर हो जाता है, और फिर उससे उसे मोह हो जाता है, उस मोह में उसको हन किया जाता है, वह है सम्मोहन | यानी जब किसी के ऊपर कोई अस्त्र काम नहीं करता है, तो फिर उसके सामने उसे समकक्ष वाला व्यक्ति रखा जाता है, जिससे वह एक दूसरे में खोते से जाते हैं, और फिर इससे में वह दुनिया को भूलते से जाते हैं, और इसी सम्मोहन का फायदा उठा कर तीसरा व्यक्ति अपना काम कर जाता है |

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1 टिप्पणियाँ:

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Nice post .

एक तथ्यपरक चर्चा बेहतर भविष्य के लिए
देखिए Facebook पर यह लिंक :

http://www.facebook.com/himanshijain18/posts/260672843987658?cmntid=260738030647806

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