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ये है मिशन लन्दन ओलंपिक !

Written By Shikha Kaushik on बुधवार, 29 फ़रवरी 2012 | 10:38 pm


आठ साल बाद मिला है मौका .
लक्ष्य हो बस ओलंपिक पुरुष हॉकी GOLD !
भारतीय पुरुष हॉकी टीम को हार्दिक शुभकामनायें !
[यू ट्यूब  पर मेरे द्वारा रचित व् स्वरबद्ध यह  गीत  भारतीय हॉकी टीम को प्रोत्साहित करने वाली भावनाओं से ही ओतप्रोत है .आप सुने व् सुनाएँ .स्वयं भी गायें .]
ये  है मिशन  लन्दन ओलंपिक 
[फेसबुक पर मैंने यह पेज  बनाया  है आप इसे लाइक कर सकते हैं .]
YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC !

                                                                   शिखा कौशिक

ये ज़िन्दगी है प्यारे !

Written By Shikha Kaushik on सोमवार, 27 फ़रवरी 2012 | 2:16 pm



अंजली

ना राहों का पता है 
ना मंज़िल का पता है ;
ये ज़िन्दगी है प्यारे !
इसे जीने में मज़ा है .
epiphyllum
अपनों के संग हंस ले ;
अपनों के संग रो ले ;
अपनों में बाँट खुशियाँ ;
अपनों से दर्द कह ले ;
अपने ही साथ न हो 
तो जीवन बेमज़ा है 
ये ज़िन्दगी है ........



सबकी है जुदा कहानी ;
ये तो है बहता पानी ;
कभी तपती आग सी है ;
कभी लगती बड़ी सुहानी ;
इसे जी ले मानकर ये 
यही मालिक की रज़ा है .
ये ज़िन्दगी ....................


                                     शिखा कौशिक 
                                [विख्यात]



भविष्य का सपना

Written By prerna argal on शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012 | 8:24 pm

भविष्य का सपना 

मन पखेरू उड़ने लगा है 
नए नए सपने संजोने लगा है 
दिल में एक नया एहसास उमंगें ले रहा है 
नई पीढ़ी का भविष्य भी अब सुनहरा हो रहा है 
आगे पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाइये और अपने सन्देश जरुर दीजिये /आभार/

Not news

Written By Barun Sakhajee Shrivastav on बुधवार, 22 फ़रवरी 2012 | 2:38 pm

संस्कृति विभाग के राहुल सिंह जी ने पिछले दिनों एक घटना पर ध्यानाकर्षित करवाया। एक कोई दबी कुचली सी लेखिका हैं लक्ष्मी शरथ। इन्होंने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के छत्तीस पति होने जैसी टिप्पणी अपने एक लेख में की है। और इसे एक कहानी के रूप में चटखारे लेकर बतलाया है, जिसमें एक कोई टोप्पो और दूसरा कोई मुमताज आपस में चर्चा कर रहे थे। इसके बाद से जब मैंने इस लेखिका से बात की तो यह बड़ी बदमिजाज निकली। इतना ही नहीं डरी हुई भी निकली। अब यह कह रही है कि मुझे तो पर्यटन वालों ने बुलाया था। इस इश्यू को मैं मीडिया में नहीं लाना चाहता। चूंकि इससे होगा सो होगा किंतु इस दबी कुचली लेखिका को जरूर एकाध पहचान मिल जाएगी।
क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो बिना मीडिया में आए इसके खिलाफ केस दर्ज करवाए? और शेष मीडिया से भी मेरी अपील है कि वह इस घटना को छापे भी तो इसमें अपनी एक लाइन साफ करते हुए छापे कि हम लेखिका कौन है यह नहीं बताएंगे। इससे विवादों के सहारे संवाद करने वाले गैर जिम्मेदार लोगों की फेहरिश्त बढ़ेगी। अगर कोई ऐसा करना चाहता है तो वह शीघ्र करे।
- सखाजी

[ब्लॉग पहेली चलो हल करते हैं ]

Written By Shikha Kaushik on बुधवार, 15 फ़रवरी 2012 | 9:41 am


ब्लॉग पहेली-१४ 

बहुत आसान है इन्हें पहचानना.ये कौन हैं ?सबसे पहले बताइए और ''विजेता बन जाइये .







                                             शुभकामनाओं के साथ 
                            शिखा कौशिक   
                    [ब्लॉग पहेली चलो हल करते हैं ]

QUOTATION: प्रसिद्ध वैज्ञानिक नील्स बोर

Written By mark rai on शनिवार, 11 फ़रवरी 2012 | 4:56 pm

QUOTATION: प्रसिद्ध वैज्ञानिक नील्स बोर: मैं अपने संस्थान में काम करने वाले छोटे से छोटे व्यक्ति के काम की भी भरपूर तारीफ करता हूं और इसके अलावा मुझे उनके सामने कभी भी अपनी गलती स्व...

Clerics call for peace as Lucknow simmers with sectarian violence.

Written By Saleem Khan on बुधवार, 8 फ़रवरी 2012 | 5:48 pm


As the old Lucknow simmered with violence in the last 24 hours, eminent clerics apprehend political angle in the violence. All of them appealed for peace and demanded a probe in the violence which has engulfed the old city. The clerics also have demanded from Election Commission to instruct the district officials for acting impartially and controlling the situation.
Imam Aishbagh Eidgah, Maulana Khalid Rasheed Farangi Mahli termed it as an unfortunate development which has led to division between Shias and Sunnis. "There was no point of violence when both the sects are adhering to the agreement done in 1999. All the processions of both the sects passed away peacefully and some anti-social elements are involved in the violence," said Farangi Mahli. The cleric claimed that the violence has been instigated for political gains. "It happens every time during elections. Four years ago, similar violence was reported and three persons died during our procession. It is being managed by political masters for their benefit. There should be a threadbare probe and the master mind behind the incidents should be exposed," said Farangi Mahli.

President, Markazi Chand Committee (Shia), Maulana Saif Abbas also echoed same sentiments. "There is surely political twist to these incidents. There should be detailed enquiry in the whole incident," said Maulana Saif Abbas. He also claimed that his demand for imposing curfew was turned down by the District Magistrate (DM) AK Sagar. "When you are not able to control the violence and it has engulfed whole of old city. People are living with fear and getting injured and affected due to violence, it is better to impose curfew but DM ruled out the possibility," he said. Maulana Abbas even decried the DM for his callous attitude towards controlling the violence.

Spokesperson, All India Shia Personal Law Board (AISPLPB), Maulana Yasoob Abbas also smelled political conspiracy in the violence. "There was no need of violence when the procession had passed. There is some conspiracy in these incidents," he said. Maulana Yasoob even decried the police alleging one sided action by beating Shia youths. "Police is acting in a partisan and targetting only Shias. District administration has failed to act swiftly," he said. He however stated that clamping curfew will create more problems.

As the Imam-e-Juma for Shia, Maulana Kalbe Jawwad was not in Lucknow, a group of Shia clerics assembled at his residence and issued an appeal for maintaining peace. It was attended by Maulana Feroze Abbas, Kalbe Hussain of Muslim Jagriti Manch and Shameel Shamsi of Hussaini Tigers.

Shamsi even claimed that the violence was on expected lines as a Shia cleric had held meetings with Bhartiya Janta Party (BJP) leaders recently. "We were apprehensive that violence was inevitable after their conspiracy. We want a detailed probe in the whole incident within eight days to expose the wolf among the sheeps. Else Maulana Kalbe Jawwad will lead an agitation and court arrest along with other clerics," said Shamsi.

Courtesy: Faisal Fareed, TCN 

नारी दुर्गा है ''चिकनी -चमेली '' नहीं !

Written By Shikha Kaushik on मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012 | 1:50 pm



 नारी दुर्गा है ''चिकनी -चमेली '' नहीं !

                                                 Durga Wallpaper
                                                      




''हू ला ला'' पर थिरके कदम 
''शीला-मुन्नी'' पर निकले है दम 
नैतिकता का है ये पतन 
दूषित हो गया अंतर्मन 
ओ फनकारों करो कुछ शर्म 
शालीन नगमों का कर लो सृजन 
फिर से सजा दो लबो पर हर दम 
वन्देमातरम .....वन्देमातरम !

नारी का मान घटाओ नहीं 
प्राणी है वस्तु बनाओ नहीं 
तराने रचो तो रचो सोचकर 
शक्ति है नारी तमाशा नहीं 
नारी की महिमा का फहरे परचम 
फिर से सजा दो ..........

नारी है देवी पहेली नहीं 
दुर्गा है ''चिकनी -चमेली '' नहीं 
इसका सम्मान जो करते नहीं 
फनकारी के काबिल नहीं 
बेहतर है रख दें वे अपनी कलम 
फिर से सजा दो ..............
                                       शिखा कौशिक 
                                   [विख्यात]

सांप सरीखे घर के लोग ?- चुनाव

Written By Surendra shukla" Bhramar"5 on रविवार, 5 फ़रवरी 2012 | 11:15 am


सांप सरीखे  घर के लोग ?- चुनाव  

(फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )
हमारा हिंदुस्तान
भेंडिया धंसान
एक भेंड कुएं में कूदी की बस
कुवां भर गया
उनका काम हो गया
शातिर लोग कुछ को खिला पिला
माथे पे बलि का चन्दन लगा
हमारे ही बीच से अगुवा बना …
तालियों की गड़गड़ाहट
पराये मुंह मियाँ मिट्ठू बन
मूरख मंच से ‘मुन्ना” काका
तोते से पढ़ पढ़ा सीख आये
पंद्रह दिन कोशिश करते जोर लगाए
बेटा बहु बेटी को आंगन की चौपाल में
“एक” दिन रविवार को जुटा पाए
विकास गली हैण्ड पम्प चक रोड
रोड पुल स्कूल पंचायत भवन
मंहगाई डायन तक सब ने अंगुली उठाई
लेकिन जब एकजुट होने की
वोट देने की -न देने की बात आई
भ्रष्टाचार के मुद्दे पे बात आई
तो विजय चिन्ह वी की ऊँगली ना उठ पायी
एक एक कर सरकने लगे
सांप सरीखे  घर के लोग ?- चुनाव 
जाते जाते मुन्ना को सुना गए …
कौन देगा कोचिंग टिउसन बिल्डिंग फीस
ब्लड प्रेशर सुगर डॉ आपरेशन की फीस
डीजल पम्प खाद मजदूरी लों
गिरता कच्चा घर रोटी तेल नोन
लैपटाप प्रोजेक्ट मोटर साईकल
चार पहिया दसियों लाख
निकम्मों की डिमांड है
दहेज़ के दानव का असर देखो
विक्षिप्त बेटी -…
पढ़ी लिखी ढांचा सी ….
घुटन से कैसे बीमार है
सिसकती बीबी उस और मुह फेर कर
आँसू टपकाते बैठ गयी
“मुन्ना” काका खुरपी पलरी लिए
दस विस्वा जमीन -दस प्राणी ….
जोर से साँस लेते भरते आह
ताकने लगे आसमान !!——–
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५
४.२५-५ पूर्वाह्न
कुल्लू यच पी
४.२.२०१२

पीस पार्टी का दमदार आग़ाज़

Written By Saleem Khan on शनिवार, 4 फ़रवरी 2012 | 5:14 pm

वैसे तो कई पार्टियाँ को दशकों और सदियों पुरानी भी हैं, को उत्तर प्रदेश के इस विधान सभा चुनाव में कुछ नम्बर पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है वहीँ अपनी साफ़ और अच्छी नियत के चलते पीस पार्टी स्वतः ही जनता के मन में अपना घर बनाती चली जा रही है. अतिश्योक्ति न होगी 'गर यह कहा जाये कि यक़ीनन राजनैतिक दलों के इस इलेक्शन रूपी एक्ज़ाम में पीस पार्टी अप्रत्याशित रूप से अच्छे अंक लाएगी. पिछले चुनावों के नतीजों और जनता के रुझान से यह कहना और भी सत्य होती प्रतीत हो रही है.

सबसे अच्छी बात जो यह इस कि इस पार्टी का नाम ही इतना अच्छा है कि आमजन की जुबां पर घर कर जा रहा है. अख़बारों के न्यूज़ में हर रोज़ कम से कम एक न्यूज़ पीस पार्टी की अवश्य होती है. बसपा, सपा, कांग्रेस और भाजपा के बाद अगर कोई पार्टी है तो वह है पीस पार्टी. बस उन्हें इस के आगे कि ऐसी रणनीति बनानी होगी जो उक्त चारों से आगे जा सके. वैसे भाजपा और सपा ये दोनों तो इस चुनाव में किसी भी हाल में ज़्यादा सीटें नहीं निकाल पाएंगे. वहीँ अगर सपा और भाजपा का वोट बैंक खिसकेगा तो प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस और पीस पार्टी को ही फ़ायेदा होगा. पीस पार्टी को हरित प्रदेश में भी अपनी पैठ नितिपूर्वक बनानी होगी क्यूंकि वहाँ जाटों से ज़्यादा तादात मुसलमानों की है. यदि उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े होते हैं तो मेरे हिसाब से हरित प्रदेश में उसका विजय पताका ज़्यादा आसानी से फ़हर सकेगा. मैं यह नहीं कहता की पीस पार्टी को जाती-गत अथवा धर्म-गत राजनीति करनी चाहिए बल्कि प्रदेश में उसको अपना सिक्का ज़माने के लिए ऐसा करना ही पड़ेगा.

सलीम ख़ान
नगर सचिव, लखनऊ
पीस पार्टी
सबसे अच्छी बात यह है कि पीस पार्टी के साथ हर तबके की जनता आ रही है, लखनऊ कैंट से एक सिख उम्मीदवार का नामांकन भी यह संकेत है कि सभी वर्ग इस के प्रति  अपनी आस्था प्रकट कर रहें हैं. वैसे सब कुछ आने वाले 6 मार्च को जनता के सामने होगा. आगे आगे देखिये होता है क्या !

(लेखक पीस पार्टी के ज़िला लखनऊ से नगर सचिव हैं)


**लेख में दर्शित भाव व विचार लेखक के अपने हैं इससे लखनऊ ब्लॉगर एसोशियेशन का कोई सरोकार नहीं हैं.  

अब तो अभियान चलाना होगा ………


अब तो अभियान चलाना होगा
ब्लोगिंग का वास्तविक अर्थ समझाना होगा 
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर न 
प्रश्नचिन्ह लगने देना होगा
ब्लोगर्स को एक जुट होना होगा
अपना दम ख़म दिखाना होगा
अपनी आवाज़ उठाना होगा
तानाशाही से ब्लोगिंग को बचाना होगा
सिर्फ शब्दों की अहमियत समझाना होगा
संयमित भाषा के प्रयोग के साथ
ब्लोगिंग को नया अर्थ देना होगा
मगर गूगल का ये दखल 
क़यामत ले आएगा 
हर ब्लोगर फिर ब्लोगिंग करने से घबराएगा
कहो गूगल महाराज ! फिर कैसे तुम्हारा
खर्चा पानी चल पायेगा 
जब हर ब्लोगर यहाँ से 
हाथ जोड़ कर निकल जायेगा
ब्लोगिंग पर अनचाहा अंकुश न लगने देना होगा
गूगल को भी हर उंच नीच समझाना होगा
ये सन्देश पहुँचाना होगा
इसे एक अभियान बनाना होगा








भारत के बड़े ब्लॉगरों से एक अपील

कपिल सिब्बल ने और यहाँ तक कि कोर्ट ने भी ब्लॉगरों की आवाज़ बंद करने के लिए एक टिपण्णी की. कोर्ट का हम सम्मान करते हैं लेकिन हमें अपनी बात कहने की भी उतनी ही आज़ादी है. अतः मैं उन ब्लॉगर्स से एक अपील करना चाहता हूँ.

वैसे तो कोई भी ब्लॉगर बड़ा या छोटा नहीं होता बल्कि उनकी रचनाएँ, प्रयास या कार्य ही उसे बड़ा बनाती हैं. मैं सीधे सीधे कम से कम शब्दों में यह कहना चाहता हूँ कि आप लोग ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोशियेशन का हिस्सा बने और अंतरराष्ट्रीय स्तर भारतीय ब्लोगिंग की पहचान का हिस्सा बने.

यदि सब एक जगह इकट्ठे रहेंगे तो अपनी बात कहने में और उसे लागू कराने में आसानी रहती है.

अतः आप ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोशियेशन का सक्रिय हिस्सा बने और ब्लोगिंग के इस सार्थक पहल को अपना साथ दें एवं स्वयं भी लाभान्वित हों.


आपके समर्थन का इच्छुक!

संस्थापक
ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोशियेशन

Founder

Founder
Saleem Khan