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प्रणब ने टेंटुआ दबाया था पत्रकारों का

Written By Barun Sakhajee Shrivastav on सोमवार, 18 जून 2012 | 11:31 pm

भारत की बदकिस्मती कहिए या फिर जनाब इसे अंधापन भयानक रोग। जिन प्रणब के हाथों देश के प्रथम पुरुष की कमान आने को है वह जरा देखें तो क्या कर रहे थे इनरजेंसी के दौरान। शाह कमिशन में प्रणब को अपात काल में सर्वाधिक मीडिया पर अत्याचार का दोषी पाया गया था। इस रिपोर्ट को देश की कई लाइब्रेरी में भी रखा गया था। किंतु जैसा कि होता है भारत के लोग लंबे अरसे बाद कांग्रेस से परेशान होकर हर किसी को चुन लेते हैं और वह अपने आपको साबित भी नहीं कर पाता। जैसा कि हुआ था जनता पार्टी की सरकार में। और अभी भी। वाह रे एनडीए चुप है। औकात इतनी भी नहीं कि एकाध कैंडीडेट उतार सके। यहां देखिए कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर में भी सबसे ज्यादा लड्डुओं को अपने मुंह में ठूंसे खड़ी है। मैं कह रहा था प्रणब के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ और इस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें दोषी माना गया। किंत इंदिरा ने अपनी सरकार आते ही सारे केस वापस ले लिए। प्रणब ये वही शख्स हैं, जिन्होंने पत्रकारों का तो जैसे गला दवा रखा था। और न जाने कितनों को जेल में ठूंस दिया और बाद में कुछ छुट्टुओं को तो मरवाया भी था। और आज वह राष्ट्रपति की गरिमा को सुशोभित करेंगे। वहीं यह वही प्रणब हैं जिन्होंने सभी लाइब्रेरी से इस शाह कमिशन की रिपोर्ट को जला देने के लिए कहा था। अभी इसकी इकलौती रिपोर्ट एक ऑस्ट्रेलियन लाइब्रेरी में रखी हुई है।
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1 टिप्पणियाँ:

Mamta Bajpai ने कहा…

राजनीती में अक्सर ऐसा ही होता है

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