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Life is Just a Life: कुछ तेरे हत्यारे हैं Kuch tere hatyarein hain

Written By नीरज द्विवेदी on मंगलवार, 10 दिसंबर 2013 | 7:50 pm

Life is Just a Life: कुछ तेरे हत्यारे हैं Kuch tere hatyarein hain: संसद चौपाटी में बैठे जुगनू बन कर तारे हैं, कुछ तेरे हत्यारे हैं कुछ मेरे हत्यारे हैं। जंगल से निकल कर चोर उचक्के दरबारों में जा बैठे...
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