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एक इंजिनियर सरफ़राज़ कुरैशी साहब ,,जिनमे सोशल इंजीनियरिंग का भी जज़्बा है

Written By आपका अख्तर खान अकेला on सोमवार, 15 अप्रैल 2019 | 6:30 am

एक इंजिनियर सरफ़राज़ कुरैशी साहब ,,जिनमे सोशल इंजीनियरिंग का भी जज़्बा है ,,ऐसा जज़्बा ,,जिसका फाउंडेशन ,रिश्तों में मिठास पैदा करता है ,,रिश्तों का मिलान करता है ,,गरीब ,गुरबा लोगों की खिदमत और उनके लिए पढ़ाई ,चिकित्सा सुविधा से लेकर हर तरह की सुविधाएँ मुहैया कराता है ,जी हाँ दोस्तों इंजीनियर सरफ़राज़ कुरैशी ,उनकी पूरी टीम और उनके समूह द्वारा संचालित ,,जज़्बा सोश्यल फाउंडेशन उज्जैन मध्यप्रदेश किसी पहचान का मोहताज नहीं ,देश भर के लोगों के लिए एक ही छत के नीचे ,रिश्तों की सौगात देने वाला यह पहला जज़्बा है जो मुस्लिम समाज में लाख विरोध के बावजूद आज घर घर की ज़रूरत बन गया है ,,कहावत है ,बगल में छोरा ,शहर में ढिंढोरा ,,सही कहावत है ,हमारे आसपास कई रिश्ते होते है ,लेकिन मसरूपियात और जानकारी के अभाव में आसपास के लोगो तक से हम रिश्ते नातों के लिए बात नहीं कर पाते है ,,मुस्लिम समाज जहाँ ज़रा ज़रा से मुद्दों पर फतवागिरी मीन मेख निकालने का खुसूसी हुनर हो ,उस समाज को ऐसे मामले में एक ही छत के नीचे इस्लामिक पर्दा प्रथा की मर्यादाओं को ध्यान में रखकर ,रिश्तों का मजमा जमाना ,मुश्किल ही नहीं ,नामुमकिन काम था ,जिसे मुमकिन ,जज़्बा फाउंडेशन की पूरी टीम और भाई सरफ़राज़ इंजीनियर ने कामयाब कर दिखाया ,है ,कई सालों से चल रहे इस तार्रूफी जलसे के दौरान हज़ारों रिश्ते आज कामयाबी के साथ ,,मिलजुलकर निकाह क़ुबूल है ,निकाह क़ुबूल है के बंधन में बंध गए है ,अल्लाह का शुक्र है ,,रिश्तों में मिठास है ,,और उनकी ज़िंदगी का सफर कामयाबी के साथ चल भी रहा हूँ ,हर साल उज्जैन का मन्नत गार्डन ,जज़्बा फाउडनेशन के इजीनियर सरफ़राज़ कुरैशी के साथ डॉक्टर शादाब सिद्दीक़ी ,,नईम खान ,,गुलरेज़ खान ,,इंजीनियर इसरार शेख ,,सलीम दहलवी ,,भाभी रुबीना सरफ़राज़ कुरैशी ,सहबा शादाब सिद्दीक़ी सहित कई दर्जन ,सम्पर्पित लोगों की टीम के साथ ,,इस्लामिक अदब के दायरे में ,पर्दानशीन प्रबंधन के साथ ,बहतरीन रिश्तों की महफ़िल सजाता है ,,बेहतर प्रबंधन के साथ रिश्तों का मिलान एक पुस्तिका का प्रकाशन ,,मोटिवेशन ,, लोगों की खिदमत के लिए जज़्बे के मोटिवेशन के साथ एक महफील सजती है ,जिसमे सिर्फ उज्जैन ,मध्य्प्रदेश के ही नहीं ,देश भर के हर कोने से आये हुए रिश्तो की दरकार रखने वाले लोगों के बीच देशभर के ,,खिदमतगार खुसूसी मेहमानों का मजमा होता है ,,मेहमानों की खिदमत ,मेहमाननवाज़ी होती है ,,,और फिर यह सब एक ख़िदमति जज़्बे के साथ ,,वाहवाह करते हुए ,,अपने दिलों में जज़्बा सोशल फाउंडेशन के खिदमतगारों को दुआए देते हुए वापस अगले साल के बेहतरीन जलसे के इन्तिज़ार में लोट जाते है ,,दोस्तों जज़्बा फाउडनेशन की पूरी टीम यह सारा मजमा यह सारा खिदमत का खुद अपनी सहयोग राशि के साथ ,बिना किसी चंदबाज़ी के ,,बिना किसी सरकारी मदद के खुद ही करते है ,,जज़्बा फाउंडेशन का सोशल सिस्टम देखिये के ज़ीरो से पढ़ाई के प्रति साक्षरता अभियान है ,फिर चिकित्सा सुविधा ,परामर्श की व्यवस्थाये है ,,एम्बुलेंस सेवा ,,आख़िरत के वक़्त क़ब्रिस्तान तक लेजाने की मुफ्त वाहन खिदमत ,,कोचिंग के ज़रिये छात्र छात्राओं में अफसर बनने का जज़्बा और कामयाबी इनका उद्देश्य है ,जज़्बा फाउडनेशन में कोई इंजीनियर ,कोई अधिकारी ,,कोई प्रशासनिक सेवाओं से जुड़ा हुआ वरिश्ठतम अधिकारी है ,तो कोई कोचिंग संचालक ,कोई बॉडी बिल्डर ,कोई व्यवसायी ,,कोई शिक्षा गुरु ,,सभी तरह के साथी एक साथ जज़्बे के साथ जुड़ते है ,सोशल होते है ,फाउंडेशन बनाते है ,और हर साल प्रतिमाह कोई न कोई मोटिवेशन खिदमतगार कार्यक्रम से जुड़े रहते है ,मुख्य कार्यक्रम को कामयाब करने के लिए यह सभी लोग बिना कंगूरा बने ,सिर्फ और सिर्फ नींव की ईंट बनकर इस कार्यक्रम को खुद ही मैनेज करते है ,अल्लाह सरफ़राज़ कुरैशी के इस इंजीनियरिंग सिस्टम के जज़्बे को कामयाब ,बनाये भाई शादाब सिद्दीक़ी यूँ तो ,प्रशासनिक अधिकारी है लेकिन बेहतरीन वक्ता ,मददगार ,खिदमतगार और बहतरीन साहित्यकार शायर भी है ,,,,नईम भाई कोचिंग गुरु है तो सभी अपनी फेमिली के साथ इस जज़्बे को खिदमत के साथ अंजाम दे रहे है ,अललाह इन्हे ,इनके जज़्बे को ,इनके हौसले को और कामयाबी दे ,बुलंदी पर पहुंचाए ,जो इनके ख़ल्क़ ऐ खिदमत के ख़्वाब है ,,उन्हें कामयाब करने के लिए हालात बेहतर से बेहतर बनाये ,,,आमीन ,,सुम्मा आमीन ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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