नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » ,चुनाव आयुक्त की निर्भीकता ,निष्पक्षता ,दब्बू प्रवृत्ति से ,देश के लोकतंत्र पर यह खतरा मंडराया है ,,

,चुनाव आयुक्त की निर्भीकता ,निष्पक्षता ,दब्बू प्रवृत्ति से ,देश के लोकतंत्र पर यह खतरा मंडराया है ,,

Written By आपका अख्तर खान अकेला on मंगलवार, 16 अप्रैल 2019 | 6:37 am

देश का लोकतंत्र लंगड़ा होता जा रहा है ,,,चुनाव आयुक्त की निर्भीकता ,निष्पक्षता ,दब्बू प्रवृत्ति से ,देश के लोकतंत्र पर यह खतरा मंडराया है ,,लोकप्रतिनिधित्व क़ानून ,देश का सबसे सशक्त ,बढ़ा ,मज़बूत क़ानून है ,इसकी संवैधानिकता ,,,इसकी शक्तियां ,प्रधानमंत्री महोदय से भी मज़बूत है ,लेकिन अफ़सोस ,,कई सालों से ,,चुनाव आयोग ,रस्म अदायगी से ज़्यादा कुछ खास नहीं कर रहा है ,नतीजन ,चुनाव आयोग का जो खौफ ,जो निष्पक्षता की छवि ,,टी ऍन शेषन ने क़ायम की थी उसे पलीता लग रहा है ,,क़ानून वही है ,उससे ज़्यादा मज़बूत है ,लेकिन लाचार स्थितियां ,,बन रही है ,,चुनाव में ,धर्म ,,मज़हब ,,नफरत ,,जाति ,,समाज ,फब्तियां ,बेतुके निराधार आरोप ,,धमकियां ,,खरीद फरोख्त ,और चुनाव जीतने के बाद की सुविधाओं की घोषणाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है ,,के देश के अरबों अरब रूपये खर्च के बाद भी यहाँ निर्भीकता से काम नहीं हो रहा है ,,राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के खुले भाजपा कार्यकर्ता मोदी भक्ति ,प्रचार बयान मामले अब तक कुछ नहीं हुआ , चुनाव आयोग की बेबसी ,,लाचारी साफ नज़र आ रही है ,जबकि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो देश के संविधान की शपथ से बंधे है ,वोह चुनाव प्रचार के दौरान बाज़ारू ,,धार्मिक भावनाओं को ,आहत द्वेषता पूर्ण और चुनाव प्रभावित करने वाला खुला बयान देते है ,पूर्व मुख्यमंत्री मायावती खुले रूप से एक समुदाय ,धर्म मज़हब से जुड़े लोगों को ग़ैरक़ानूनी तरीके से प्रभावित करने का प्रयास करती है ,जांच होती है ,,यह अपराधी साबित होते है ,, लेकिन लाचार ,,चुनाव आयोग ,योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से स्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं करते ,,मायावती और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कोई विधिक प्रावधान के तहत सज़ा दिलवाने के लिए मुक़दमा दर्ज नहीं होता ,परिवाद न्यायालय में पेश नहीं होता ,उन्हें भविष्य के चुनाव से डिबार नहीं किया जाता ,सिर्फ थोड़ी बहुत देर के लिए उन्हें चुनाव प्रचार से अलग करने की बात कहकर जनता को बहलाया जाता है ,आज़म खान खूब बकवास करते है ,, महिलाओं का अपमान करते है ,,मेनका गाँधी वोटर्स को बाद में काम नहीं करने को लेकर धमकिया देती है ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर सैनिक कार्यवाहियों का दुरूपयोग करते है ,,कर्नाटक ,,पश्चिमी बंगाल ,सभी जगह पर यह सिलसिला जारी है ,,लेकिन अफ़सोस ,चुनाव आयोग जिसका देश भर में ,,स्वस्थ लोकतंत्र को निर्वाचित करने की ज़िम्मेदारी है ,वोह चुनाव आयोग बेहतर तरीके से प्रदर्शन नहीं कर रहा ,निगरानी बेहतर नहीं है ,,पर्चियों से लेकर ,,,वोटर लिस्ट प्रॉपर नहीं है ,खेर यह तो ठीक है ,लेकिन चुनाव में निष्पक्षता ,निर्भीकता ,झूंठ ,फरेब ,मज़हबी ,उन्माद ,,वेमन्सयता के माध्यम से कुर्सी हथियाने के साज़िशकर्ताओं से चुनाव आयोग न जाने क्यों लाचारी दिखा रहा है ,,अगर अभी लोकप्रतिनिधित्व क़ानून की शत प्रतिशत पालना करने वाला कोई निष्पक्ष शक्ती होती , तो योगी आदित्यनाथ ,,राज्यपाल कल्याण सिंह अपने पद से इस्तीफा दे चुके होते ,,मायावती का चुनाव ख़ारिज हो गया होता ,,और भी कई सख्त कार्यवाहियां होती ,,लेकिन लोकतंत्र का निर्वाचन कई खामियों ,,कमज़ोरियों ,से भरा होने से यह दिक़्क़ते आ रही है ,अगर चुनाव आयोग बहादुरी दिखाए ,खुद को मुख्यमंत्री ,राज्यपाल ,,प्रधानमंत्री से ऊंचा साबित करे तो निश्चित तोर पर जनता के मुआफ़िक उसकी मर्ज़ी का लोकतंत्र स्थापित होगा वरना इन हालातों में अनचाहा ,,प्रभावित ,,लोकतंत्र स्थापित होता है ,जो राष्ट्र के लिए घातक है ,इसलिए मतदाता जागो ,,राष्ट्र की बेहतरी के लिए घर से निकल कर सभी वोट डालों ,,,मज़बूत लोकतंत्र स्थापित करो ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.