हिंदी ब्लॉगिंग को एक दशक पूरा नहीं हुआ और दशक का ब्लॉगर और ब्लॉग चुना जा रहा है।
यह एक नायाब आयडिया है। इसका नतीजा वही होगा कि सम्मान तो मिलेगा केवल 5 ब्लॉगर्स को अपमान आएगा बाक़ी सबके हिस्से में। न चुने जाने का दंश मालूम नहीं किसके संवेदनशील दिल को कितना ज़्यादा दुखा दे।
गटबाज़ी और रंजिश की वजह से पहले ही बहुत से हिंदी ब्लॉगर्स रूख़सत हो चुके हैं लेकिन हिंदी ब्लॉगिंग के ताबूत में कीलें लगातार ठोंकी जा रही हैं।
यह एक नायाब आयडिया है। इसका नतीजा वही होगा कि सम्मान तो मिलेगा केवल 5 ब्लॉगर्स को अपमान आएगा बाक़ी सबके हिस्से में। न चुने जाने का दंश मालूम नहीं किसके संवेदनशील दिल को कितना ज़्यादा दुखा दे।
गटबाज़ी और रंजिश की वजह से पहले ही बहुत से हिंदी ब्लॉगर्स रूख़सत हो चुके हैं लेकिन हिंदी ब्लॉगिंग के ताबूत में कीलें लगातार ठोंकी जा रही हैं।
3 टिप्पणियाँ:
यह एक नायाब आयडिया है।
न कुछ करने से कुछ करना तो बेहतर है, ज़नाब!
ब्लोगर्स में कम्पीटीशन कुछ बात समझ में नहीं आई |ब्लॉग विचार सांझा करने के लिए हैं ना कि
तुलना करके आपस में बैर बढाने के लिए |
आशा
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.