Life is Just a Life: तरश रहीं दो आँखें Tarash Rahin Do Ankhein Apnon ko...: कब से तरश रहीं दो आँखें , अपनों को। जीवन का मोह न छूटा , छूट गए सब दर्द पराए , सुख दुख की राहगुजर में , अपनों ने सारे स्वप्न जलाए...
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