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neta ji ka dukh !

Written By Shikha Kaushik on रविवार, 20 फ़रवरी 2011 | 8:40 pm

अब मेरी मजबूरी पर आंसू तो बहाओ ,
बड़ा मासूम हूँ इतना तो मान जाओ,
घोटाला क्यूँ हुआ? कैसे हुआ ?
पता नहीं चलता ;
मैं ऐसा बादशाह हूँ !
जिसका कहीं सिक्का नहीं चलता .
                   शिखा कौशिक
                  http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

         
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