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माँ की नज़ीर ला न सके कायनात में Pyari maa

Written By DR. ANWER JAMAL on शनिवार, 12 फ़रवरी 2011 | 8:38 pm

आज रश्मि प्रभा जी का जन्मदिन है .
इस मौके पर आप उनकी ख़ास रचना पढ़िए जिसे पढ़कर अभी अभी मैंने कहा है -
शक है जिन्हें भी दोस्तो हक़ की ज़ात में
माँ की नज़ीर ला न सके कायनात में

हक़ = सत्य , ईश्वर
ज़ात = अस्तित्व
नज़ीर = मिसाल

आदरणीया रश्मी जी को जन्म दिन की हार्दिक
शुभ कामनाएं.

Nice post.
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