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साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2

Written By दिलबागसिंह विर्क on बुधवार, 26 अक्तूबर 2011 | 3:07 pm

साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2: दीवाली त्यौहार पर , जले दीप से दीप अन्धकार सब दूर हों , रौशनी हो समीप । रौशनी हो समीप, उमंग...
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