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देश के ब्यूरोक्रेट सिस्टम को समझकर बोलने वाले होते

Written By आपका अख्तर खान अकेला on सोमवार, 13 मई 2019 | 7:02 am

काश हमारे प्रधानमंत्री आप पढ़े लिखे की तरह व्यवहार करते ,,डिग्रियां असली नक़ली केसी भी हों कोई फ़र्क़ नहीं पढता ,,लेकिन समझदारी से देश के ब्यूरोक्रेट सिस्टम को समझकर बोलने वाले होते ,, तो आपको जानकारी होती एक चुनाव आयोग होता है ,,जिसके नियंत्रण में चुनाव के कार्यकाल में सारे अधिकारी ,,कलेक्टर ,एस पी ,,हो जाते ,है ,आपकी बात और है आपके हेलीकॉप्टर में रखे बक्से की तलाशी के लिए चुनाव आयोग का अधिकारी आ जाए तो आप उसे निलंबित करवा देते है ,शिकायते सुनने नहीं देते ,,लेकिन राजस्थान में अनुशासित सियासत ,है यहाँ चुनाव के दौरान ,चुनाव आयोग के नियंत्रण में सभी अधिकारी रहते है ,किसी मुख्यमंत्री ,,या मंत्री को किसी भी अधिकारी को कमांड करने का कोई अधिकार नहीं होता है ,आपको यह भी पता है ,के आपने अशोक गहलोत की लोकप्रियता ,,उनके भविष्य की व्यवस्था से घबराकर ,,अधिकतम टारगेट राजस्थान में रहकर उन्हें व्यक्तिगत रूप से किया है ,वोह बात और है यहाँ की जनता आपके बहकावे में नहीं आयी ,और सधी हुई भाषा में अशोक गहलोत ने आपको लाजवाब जवाब देकर पोल खोली है ,लेकिन आपकी लगातार राजस्थान यात्राओं में योगी जी सहित कई मंत्रियों की लगातार यात्राओं में अलवर सहित सभी जगह के अधिकारी ,पुलिस ,इंटेलीजेंश ,,चुनाव आयोग के नियंत्रण में होने से खुलकर आपकी सुरक्षा ,व्यवस्था में लगे रहे ,,,,बस इसीलिए क़ानून व्यवस्था में गड़बड़ी आयी ,,किसी महिला के साथ अगर ज़्यादती हुई तो चुनाव आयोग की नियंत्रित पुलिस ,प्रशासन की ज़िम्मेदारी थी ,,जैसे चुनाव खत्म हुए ,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जानकारी में सुचना आयी ,उन्होंने तुरंत चुनाव आयोग से अनुमति लेकर एस पी को हटाया ,,नए एस पी को भी चुनाव आयोग से स्वीकृति लेकर लगाया ,,,और देख लीजिये एक ऐसा अनूठा उदाहरण के महिलाओं की सुरक्षा सुनवाई के लिए राजस्थान में एक अलग से विभाग गठित जिलेवार हो गया है ,आपको भी पुरे देश में ऐसा कार्यव्यवहार करना चाहिए ,आदरणीय मोदी जी अगर आप ने चुनाव के दौरान क़ानून व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार अधिकारीयों को निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में नहीं रखा होता ,,मुख्यमंत्री के नियंत्रण में कर दिया होता तो आपके यह जो चवन्नी छाप बयान जिसमे आप राजस्थान को गालियां दे रहे हो वोह नहीं ,होते आदरणीय प्रधानमंत्री साहिब ,,चुनाव के दौरान नियंत्रक ,,चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी आप गहलोत पर डालकर अपना खौफ ज़ाहिर कर रहे है , लेकिन अशोक गहलोत तो फिर भी बुलंदियों पर पहुँच रहे है ,वोह आपके पुराने मित्र है ,वोह आपके मार्गदर्शक है ,आपने उनसे बहुत कुछ सीखा ,है ,बस नहीं सीखी तो गांधीगिरी नहीं सीखी ,सच नहीं सीखा ,,,राजस्थान की हर ,महिला पीड़िता को दरिदनों से सुरक्षित करने ,त्वरित सुनवाई ओर अधिकारीयों की ज़िम्मेदारी तय करने के लिए विभाग बनाना एक संवेदनशीलता का ही परिचय है ,लेकिन निर्वाचन कार्यक्रम के वक़्त की ज़िम्मेदारियाँ निर्वाचन आयोग की ही होती है ,उस दौरान कोई भी मंत्री ,मुख्यमंत्री की हैसियत कच नहीं है ,आपकी बात कुछ और है ,आप तो आप है ,,सो प्लीज़ बयान वापस लीजिये आदरणीय ,,अख्तर
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