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विश्व में दो ही तरह के लोग होते हैं

Written By Brahmachari Prahladanand on शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011 | 9:35 am

विश्व में दो ही तरह के लोग होते हैं,
एक जो अपनी जिन्दगी खुद बनाते हैं,
के जो अपनी जिन्दगी दूसरों से बनवाते हैं,

यानी एक जो तपस्या करते हैं, मेहनत करते हैं,
या एक जो खुशामद करते हैं, प्रसंशा करते हैं,

तपस्या वाले की सिद्धयाँ उनकी अपनी होती हैं,
स्तुति करने वाले दूसरों की जूठन की होती हैं,

तपस्या वाला अपनी तपस्या में लगा रहता है,
स्तुति करने वाला किसी न किसी को खुश करने में लगा रहता है,

तपस्या करनेवला स्तुति करने वाले से कभी नहीं चिडता है,
स्तुति करनेवला तपस्या करने वाले से हमेशा इर्षा द्वेष रखता है,

तपस्या करने वाला अपनी तपस्या करता है,
स्तुति करने वाला तपस्या करने वाली की तपस्या भंग करने की सोचता रहता है,

                                                                                                   ------- बेतखल्लुस


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