सजती महफ़िल को बेनूर कर दिया,
आज किसी ने तुझे मशहूर कर दिया,
हूर ही तो थी मेनका वो स्वर्ग की,
विश्वामित्र को जिसने मशहूर कर दिया,
न मेनका आती, न विश्वामित्र को कोई जानता,
न जाने कितने तपस्वियों की तरह वन में रामता,
शुक्र है मेनका का, इन्द्र का कहा माना,
आ गयी विश्वामित्र के पास, विश्वामित्र को देखने लगा जमाना,
दोनों की वजह से आज भारत का नाम भारत पड़ा है,
दोनों न होते तो शकुंतला का कौन सा घड़ा है,
शकुन्तला और दुष्यंत की गाथा न होती,
भरत और शेर के बच्चों की गाथा न होती,
------- बेतखल्लुस
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आज किसी ने तुझे मशहूर कर दिया,
हूर ही तो थी मेनका वो स्वर्ग की,
विश्वामित्र को जिसने मशहूर कर दिया,
न मेनका आती, न विश्वामित्र को कोई जानता,
न जाने कितने तपस्वियों की तरह वन में रामता,
शुक्र है मेनका का, इन्द्र का कहा माना,
आ गयी विश्वामित्र के पास, विश्वामित्र को देखने लगा जमाना,
दोनों की वजह से आज भारत का नाम भारत पड़ा है,
दोनों न होते तो शकुंतला का कौन सा घड़ा है,
शकुन्तला और दुष्यंत की गाथा न होती,
भरत और शेर के बच्चों की गाथा न होती,
------- बेतखल्लुस
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