हरियाली हो वर्षा होगी
लहराएगी खेती
पेट भरेगा छत भी होगी
शेर -भेंड एक घाट पियेंगे पानी
मन मयूर भी नाच उठेगा
नया साल अच्छा होगा !!
आशु-आशा पढ़े लिखें
रोजगार भी पाएंगे
आशा की आशा सच होगी
सास –बहू- माँ बेटी होगी
मन कुसुम सदा मुस्काएगा
नया साल अच्छा होगा !!
रिश्ते नाते गंगा जल से
पूत-सपूत नया रचते
बापू-माँ के सपने सजते
ज्ञान ध्यान विज्ञानं बढेगा
मन परचम लहराएगा
नया साल अच्छा होगा !!
खून के छींटे कहीं न हो
रावन होली जल जायेगा
घी के दीपक डगर नगर में
राम -राज्य फिर आएगा
मन -सागर में ज्वर उठेगा
नया साल अच्छा होगा !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
30.12.2011
6.35 P.M., U.P.
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