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तौखिदे ख्याल

Written By Brahmachari Prahladanand on बुधवार, 7 दिसंबर 2011 | 11:33 am

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तौखिदे ख्याल,
उस परवरदिगार का कर,
कर ऐतबार उसका,
सजदा तू उसका कर,

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नूर बरसेगा खुदा का,
चेहरा निखरेगा तेरा,
गम न होगा कभी,
खाना-आबाद रहेगा तेरा,

अब बस दुआ निकलती है,
किसी की आह न सल्ती है,
कोई गम जदा न हो यहाँ,
दुआ बस यही निकलती है,

दरबार में उसके,
वक्त को न देखा करो,
जितना गुज़र जाए,
अदा शुक्रिया करो,
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खुमारी जो चड़ती हैं खुदा कि,
तो बन्दे में निखार आता है,
चेहरा और आखें बता देती हैं,
मिल के वो खुदा से आता है,

उसे ख्याल क्या जिस्म का,
जिसे रूह मिल गयी हो,
उसे मलाल क्या दुनिया से,
जिसे रूह मिल गयी हो,
 
दुआ जब निकलती है,
असर बराबर करती है,
खुदा से जा मिलती है,
कदर बराबर करती है,


                              ------- बेतखल्लुस




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