आपको याद होगा ,,कोटा में मर्दानी टू ,,फिल्म की शूटिंग ,फिल्मस्टार रानी
मुखर्जी ,उनके साथी स्टार मिलकर पिछले एक हफ्ते से लगातार कर रहे है ,कोटा
के सीन शूट हो रहे है ,,कोटा के कुछ लोग भी मुफ्त में उस सीन बाज़ी में
शामिल हो रहे है ,कुछ वी आई पी ,कुछ वी वी आई पी ,इन स्टारों के साथ फोटो
सेल्फी वगेरा कर रहे है ,अच्छी बात है ,लेकिन बुरी बात यह है के शूटिंग
नियमों का उलंग्घन है या फिर स्वीकृत विधि नियमों के तहत ,,शूटिंग की
स्वीकृति ,विधिक व्यवस्थाएं चल रही है ,रिश्ते निभाने के लिए कहीं
कोटा को आर्थिक नुकसान हो रहा है ,या फायदा ,इसका पोस्टमार्टम किसी भी
दैनिक अख़बार ,किसी भी अख़बार ,,किसी भी न्यूज़ चैनल पर देखने और सुनने को
नहीं मिला ,,सभी जानते है ,फिल्म शूटिंग ,क़ानून व्यवस्था का हिस्सा नहीं
होकर कॉमर्शियल सिस्टम से जुड़ा मामला है ,ऐसे में व्यवस्थाओं की स्वीकृति
तो नाट्य प्रदर्शन अधिनियम ,,पुलिस अधिनियम सहित अन्य विधिक प्रावधानों में
होती है ,शूटिंग आम सड़कों ,गलियों में होती है तो पुलिस जवानों को सुरक्षा
के लिए लगाना पढ़ता है ,आम जनता को भी परेशानी होती है ,हमे यह जानने का
,,यह पूंछने का अधिकार तो है ही सही ,के रानी मुखर्जी की इस फिल्म मर्दानी
टू की शूटिंग के दौरान ,कोटा शहर ,कोटा ग्रामीण ,,बूंदी पुलिस यानी कोटा
रेंज की कितनी पुलिस कब कब लगाई गयी ,,इन जवानों की क्या रोज़नामचे में
रवानगी ,आमद दर्ज है ,क्या इन पुलिस जवानों को विधिक क़ानून व्यवस्था से
हटाकर ,,,,इस शूटिंग व्यवस्था में लगाने के लिए ,प्रति सिपाही ,अधिकारी
,पुलिस कल्याण कोष में विधिक रूप से स्वीकृति प्राप्त कर राशि जमा कराई गयी
है ,क्योंकि सभी जानते है जाब्ता क़ानून व्यवस्था के लिए ही कम है ,एक
न्यायालय के आदेश की विधिक डिक्री की पालना करवाने के लिए ही दो पुलिस जवान
भी अगर भेजे जाते है तो उसका पूरा खर्च आम पक्षकार से न्यायालय के ज़रिये
जमा करवाया जाता है ,चरित्र प्रमाणपत्र हो ,दूसरे कार्य हो ,उसका
वेरिफिकेशन खर्च भी आम आदमी से लिया जाता है ,अब जब क़ानूनी रूप से ,ऐसी
शूटिंग और गैर क़ानून व्यवस्था से संबंधित कॉमर्शियल कार्यक्रमों में ,क़ानून
व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस जवान ,ट्रेफिक ,पुलिस पुलिस अधिकारी लगाए गए
है ,लगाए जाते रहे है ,और आगे भी लगाए जाएंगे तो प्रति पुलिस कर्मी ,कितने
पुलिस कर्मचारी ,अधिकारीयों का कितना खर्चा ,मर्दानी शूटिंग की रानी
मुखर्जी के प्रोड्यूसर ,डाइरेक्टर ,,प्रबंधक ने कोटा पुलिस प्रशासन में जमा
कराकर रसीद प्राप्त की है ,,यह जांनने का हक़ सभी को है ,और इस बिंदु पर
अधिकारीयों से खोजखबर लेकर सवाल पूंछकर ,इन सवालों का जवाब अख़बारों में
प्रकाशित करने ,, न्यूज़ चैनल में प्रसारित करने का कर्तव्य भी कोटा के
खोजी पत्रकारों का है ही सही ,,,,अख्तर खान अकेला
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