नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » स्वाभिमान ,सरंक्षण ,रोज़गार ,भूख ,गरीबी ,इन्साफ के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदारी से लड़ेगी

स्वाभिमान ,सरंक्षण ,रोज़गार ,भूख ,गरीबी ,इन्साफ के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदारी से लड़ेगी

Written By आपका अख्तर खान अकेला on शुक्रवार, 24 मई 2019 | 6:42 am

दोस्तों विश्व के सबसे बढे लोकतंत्र के चुनाव नतीजे सामने है ,,नरेंद्र मोदी तो जीते है ,लेकिन भाजपा हारी है ,लेकिन जो जीता सिकंदर वही कहलाता है ,इसमें कोई शक नहीं के नरेंद्र मोदी ने चुनाव में जीत दर्ज कर खुद को सिकंदर साबित किया है ,उन्हें बधाई ,मुबारकबाद ,लेकिन इस चुनाव में नरेंद्र मोदी चाहे जीत कर सिकंदर बने हो ,लेकिन राहुल गांधी खुद मर्यादाओं में रहकर कांटे की टक्कर देने वाले क़लन्दर साबित हुए है ,चुनाव में हार जीत होती है ,,लेकिन जो जीतता है उसका दिल भी बढ़ा होना चाहिए ,,वर्ष 2014 में भाजपा अटूट बहुमत से जीती ,कई वायदे थे ,कई जुमले थे ,आम जनता को रोज़ी ,रोटी,, कपड़ा ,मकान ,,मुफ्त चिकित्सा ,मुफ्त शिक्षा ,सुरक्षा ,आंतरिक सुरक्षा की उम्मीदें थी ,रोज़गार की उम्मीदें थी ,लेकिन यह सब एक सपना बनकर रह गया ,जनता को मिली मोबलीचिंग ,,जनता को मिली नॉट बंदी ,जनता को मिली पकोड़े तल कर बेरोज़गारी दूर करने की सलाह ,जनता को मिली सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस ,जनता को मिला रिज़र्व बैंक गवर्नर का विवाद ,सीबी आई नियुक्ति का विवाद ,,जनता को मिला गाँधी के हत्यारे की वाहवाही के बयांन ,जनता को लोकपाल पुरे पांच साल नहीं आखरी लम्हों में सुप्रीमकोर्ट की कई फटकारों के बाद लोकपाल मिला ,जनता को बदले की भावना मिली ,,भाषण ,सिर्फ भाषण मिले ,मर्यादाये टूट कर तार तार होती बयानबाजियां मिली ,जो भी हुआ सब देखा ,लेकिन फिर दुबारा चुनाव में इन सब के बावजूद भी जनता का जो इन्साफ हुआ वोह निश्चित ही स्वीकार्य होना चाहिए ,,जनता ने इन सब मुद्दों के बाद भी नरेंद्र मोदी को जिताया है ,अब उनसे इल्तिजा है ,जनता द्वारा दिए गए मेंडेट का वोह सम्मान करे ,,आम जनता को भूख ,करीबी ,रोज़गार ,मकान ,सस्ता सुलभ न्याय ,,आंतरिक सुरक्षा ,सद्भाव ,हर वर्ग की सरकार में भागीदारी ,,सरकारी विभागों में हर वर्ग की सुनवाई का आत्मविश्वास ,जनता को बदले की भावना नहीं मिले ,कोई सनकी आदेश जिससे पूरा देश त्राहि त्राहि पुकारे ऐसा को सनक भरा आदेश नहीं मिले ऐसी जनता की उम्मीद है ,जनता चाहती है देश का विकास हो ,देश प्यार से मोहब्बत से ,सद्भाव से रहे ,,देश की जनता की आज़ादी क़ानूनी दायरे में सुरक्षित हो ,,बस ऐसा कुछ हो जाए तो बात बन जाए ,,,कांग्रेस के राहुल गाँधी का सफर थका नहीं है ,अभी उन्होंने विकट परिस्थितयों में कढ़ा मुक़ाबला किया है ,,जनता का भरोसा जीता है ,,एक सफल चुनावी मैनेजमेंट हांसिल किया है ,जनता का विश्वास ,जनता का प्यार जीता है ,राफेल पर आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब को लगातार बहस के लिए खुली चुनौती दी ,लेकिन मोदी भागते रहे ,,राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मज़बूत होकर उभरी है ,वोह बात और है गैर भाजपाई वोटों के बिखरजाने से नरेंद्र मोदी की टीम जीत गयी ,लेकिन अब लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाना आदरणीय नरेंद्र मोदी की मजबूरी हो ,जायेगी और एक मज़बूत विपक्ष देश की एक सो पैतीस करोड़ लोगों के अधिकारों का संरक्षक होगा ,देश की जनता के अधिकारों के लिए ,देश की जनता के स्वाभिमान ,सरंक्षण ,रोज़गार ,भूख ,गरीबी ,इन्साफ के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदारी से लड़ेगी ,,एक बार फिर कांग्रेस मज़बूत बनकर ,उभरेगी ,बस चुनाव में हारे ,है इसे हमे स्वीकारना होगा ,ई वी एम ,,चुनाव आयोग सभी तरह के मामलों को हमे ताक में रखना होंगे ,अंतर्मन को टटोलना होगा ,आंतरिक प्रबंधन में हम आम आदमी ,आम कार्यकर्ता ,बूथ पर बैठे कार्यकर्ताओं ,बूथ क्षेत्र में रह रहे आम लोगों तक अपनी पकड़ क्यों नहीं बना पाए ,,फिर से इस पकड़ को हम मज़बूत कैसे कर सकते है इस पर हमे पुनर्विचार करना होगा ,,,निश्चित तोर पर चुनाव में हारजीत होती है ,लेकिन हम होंगे कामयाब ,इस नारे के साथ हम आमजनता की सेवा के लक्ष्य के साथ जनता के बीच रहेंगे ,फिर से कामयाब होंगे ,अभी तो पंचायत ,नगर पालिका ,,जिलापरिषद के चुनाव है ,जहाँ हमे अपनी ज़िम्मेदारी दिखाकर खुद को ज़मीनी कार्यकर्ताओं ,,जनता के बीच स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करना है ,,,,,लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में एक सच्चे सेवक की भूमिका निभाना होगी ,,लड़ाई झूंठ सच के बीच में है ,इन्साफ अत्याचार के बीच में है ,,मुश्किल ज़रूर है लेकिन यह लड़ाई ना मुमकिन नहीं ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.