काश आदरणीय नरेंद्र मोदी ,अमित शाह के राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री
महोदया ने दुष्कर्म पीड़िताओं की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन मान
ली होती ,,राजेंद्र राठोड ,,मंत्री साहब ,किरोड़ी मीणा की सरकार ने
गृहमंत्रालय ,विधि मंत्रालय से इसे लागू कर दिया होता तो राजस्थान में आज
दुष्कर्म अपराधियों के हौसले नहीं बढ़ते , उक्त दिशा निर्देशों की पालना अब
जाकर अशोक गहलोत सरकार ने शुरू की है ,,,,जी हाँ दोस्तों वर्ष 2014 में
सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म सहित सभी तरह के पीड़ितों ,गवाहों को मुक़दमों के
अनुसंधान के दौरान सभी थानाधिकारियों ,,पुलिस अधिकारीयों को विशेष
प्रशिक्षण देने ,पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने ,अनुसंधान व्यस्था बनाने ,संबंधित
निर्देश थे ,जबकि मुक़दमा दर्ज होने के बाद ऑफिसर केस स्कीम के तहत फॉलोअप
करने ,,गवाहान को पूर्व में ही प्रशिक्षित करने ,विशेषज्ञ वकीलों को पैरवी
के लिए उपलब्ध कराने ,,गवाहान को सुरक्षा उपलब्ध कराने ,,गवाहान को
लोकअभियोजक सहित विशेषज्ञ वकील से मदद लेकर ,बयान समझाने ,जिरह के बारे में
जानकारी देने संबंधित दिशा निर्देश जारी किये गए थे ,जिसे केंद्र और
राजस्थान सरकार से गंभीरता से नहीं लिया था ,मेने खुद ने उक्त सुप्रीमकोर्ट
के दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
का महासचिव होने के नाते ,,मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया और पुरे
देश के राज्यों में सुप्रीमकोर्ट के वर्ष 2014 में जारी उक्त दिशा
निर्देशों को लागू करवाने के मामले में तात्कालिक राष्ट्रपति महामहीम को
उक्त सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतिलिपि के साथ ,,निर्देशों को
क्रियान्वित करने के महत्वपूर्ण सुझावों के साथ ,,इसे लागु करने की लिखित
प्रार्थना की थी ,लेकिन अफ़सोस संवेदन शील प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र
मोदी ,,उनकी पार्टी द्वारा नियुक्त मुख्यमंत्री आदरणीय श्रीमती वसुंधरा
सिंधियाँ ने इन दिशा निर्देशों पर कोई काम नहीं किया ,खुद ,आदरणीय
प्रधानमंत्री साहिब ,प्रतिपक्ष में रहने वाले किरोड़ी मीणा साहिब जो उस वक़्त
भाजपा के कटटर दुश्मन थे उन्होंने ,राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र
राठोड सहित किसी ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया ,और माननीय उच्च
न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप[किसी भी तरह की पालना सुनिश्चित
नहीं की ,न विशेष शाखा बनाई ,न गवाहों के लिए समझाइश पूर्व प्रशिक्षण की
कोई व्यवस्था की ,न पुलिस के लिए विशेष प्रशिशक्षण रिफ्रेशर अनुसंधान टिप्स
कार्यक्रम चालू करवाए ,,इतना ही नहीं ,सरकार ने लोक अभियोजक विशेषज्ञ
प्रशिक्षण कार्यक्रम तक नहीं चालू किये ,लोकअभियोजकों को गवाहान को समझाइश
,पुलिस कर्मियों को ऐसे मामलों के अनुसंधान ,,उनकी पूर्व सूचनाएं जुटाने
संबंधित कोई कार्यक्रम नहीं बनाये ,,केस ऑफिसर स्कीम लागू नहीं की ,,तो
जनाब दोषी कोन हुआ ,महिलाओं के अत्याचार ,उनके अनुसंन्धान ,,उनके आरोपियों
को सज़ा दिलवाने की प्रक्रिया ,,पूर्व सूचनाओं को लागू करवाने में लापरवाह
किसकी सरकार , किसकी पार्टी रही यह खुद मुख्यमंत्री भवन में डाक आमद में
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव की हैसियत से लिखा गया एडवोकेट अख्तर खान
अकेला का पत्र निकाल कर देख लेना ,काश उस पर कार्यवाही हो गयी होती तो आज
,,राजस्थान में माहौल दूसरा होता ,,ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगता ,दोषी लोगों
को त्वरित कठोर दंड मिलने से ,अपराधियों के हौसले पस्त हो गए होते ,इसलिए
जनाब ज़रा अपने गिरेहबान में भी झाँक ले ,,यह भी देखले ,के अशोक गहलोत ने
,चुनाव आचार संहिता में चुनाव आयोग का नियंत्रण होने के बाद भी ,,ऐसे
संवेदनशील मामलों में सुरक्षा ,त्वरित कार्यवाही ,पृथक सेल का जिलेवार गठन
,ऑफिसर केस स्कीम व्यवस्था की घोषणा ही नहीं की बल्कि इस विधि नियम को अमल
में भी ला दिया है ,,,,अपराधी पकडे जा रहे है ,,उन्हें जेल हो रही है ,,अभी
ऐसी घटनाओं में शामिल अपराधियों को सख्त से सख्त सजा भी ,मिलेगी ,,,तो
जनाब सियासत मत कीजिये सुझाव दीजिये ,,क्या होना चाहिए ,गलत अगर व्यवस्था
है तो उसे कैसे सुधारे आराजकता फैलाकर आप अपने ही राज्य के लोगों का नुकसान
कर रहे है ,अपने ही राज्य को बदनाम कर रहे है ,यहाँ विदेशी पर्यटकों के
आने से काफी आय होती है ,अगर आप लोगों ने राजनितिक हथियार बनाने के लिए ऐसी
घटनाओं को लेकर हिंसा भड़काई तोड़फोड़ की तो यक़ीन मानिये राजस्थान का मान
सम्मान को ठेस पहुंचेगी ,बहुत सी विदेशी पर्यटन महिलाये राजस्थान में आने
से हिचकने लगेंगी ,यह हमारे राज्य के लिए ठीक नहीं है सो प्लीज़ सियासत नहीं
,सुझाव दीजिये ,उन वाजिब सुझावों पर अमल अगर नहीं हो तो फिर आंदोलन कीजिये
,हम भी तुम्हारे साथ रहेंगे ,,वाजिब समर्थन के लिए ,,,,,,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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काश आदरणीय नरेंद्र मोदी ,अमित शाह के राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री महोदया ने दुष्कर्म पीड़िताओं की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन मान ली होती
Written By आपका अख्तर खान अकेला on गुरुवार, 16 मई 2019 | 6:30 am
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