दोस्तों ..मेरे भाइयों आप सभी का में शुक्रगुज़ार हूँ के आपके प्यार और स्नेह से में अपना टार्गेट पूरा कर सका ..में ब्लोगिंग की दुनिया में प्रवेश के बाद संकल्प लिया था के में भी किसी भी कीमत पर ३१ दिसम्बर २०११ तक पांच हजार ब्लॉग लिख लूँगा ..मुझे आपका प्यार मिला,, दुलार मिला ,सीख़ मिली ,सुझाव मिले और मुझे आपने साहस दिया में पहले एक ब्लॉग से शुरू हुआ फिर सिक्स राउंड की तरह छ छ फायर करने लगा फिर ऐ के ४७ की तरह ब्लोगिं की फिर ऐ के ५६ की तरह ब्लोगिंग करने लगा इस बीच मेने पीछे मुड कर नहीं देखा मेरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ मेरे लक्ष्य टार्गेट पांच हज़ार पर थी ..फेस बुक पर मेरे पहले ही पांच हजार दोस्तों की सीमा पूरी हो चुकी है और अब आज अल्लाह के फ्ज्लो कर्म से आकी दुआओं से मुझे मेरे टार्गेट में कामयाबी मिली है ..............दोस्तों मेरा अब न्य टार्गेट कल से शुरू होगा अभी आपको मेरा टार्गेट छोटा मुंह बढ़ी बात और मजाक लगेगा लेकिन में क्क्प्को यकीन दिलाता हूँ के आप लोगों की दुआओं से में इंटरनेट पर फर्जी आई डी से खाते खोलने ,, अश्लीलता फेलाने और अभद्रता ,,साम्प्रदायिकता फेलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करवा कर रहूँगा मेने पहले भी चेताया है और एक बार फिर ऐसे मेरे भाइयों को चेताता हूँ के हंसी हंसी में इंटरनेट पर किसी का अपमान करना ..गलत फोटू प्रचारित करना फर्जी आई डी बनाना अच्छा लगता है और लोग सोचते हैं के उन्हें कोई पकड़ नहीं सकता लेकिन ऐसे लोग अगर मान गये उन्होंने अपनी गलत हरकतें छोड़ कर इंटरनेट का दुरूपयोग छोड़ कर सदुपयोग शुरू कर दिया तो ठीक वरना मुझे मजबूरी में मेरे कुछ साथियों की मदद से उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना होगी और उसमे अगर वोह पकड़े गये तो फिर उनका जीवन बर्बाद भी हो सकता है क्योंकि अधिकतम ऐसे लोग सम्भ्रांत परिवार के ही होते हैं जिसका खिमियाज़ा परिवार को भुगतना पढ़ता है मेरे पास हाल ही में इंटरनेट दुरूपयोग का ऐसा केस है जिसमे मुंबई की पार्टी जो सम्भ्रांत है व्यापारी है वोह कोटा की जेल में बंद है और उनकी जमानत के लाले पढ़े है सो प्लीज़ माँ जाइये भाइयों .....एक बार फिर आप सभी का शुक्रिया मेरे ऊपर की गयी महरबानियों के लियें ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
3 टिप्पणियाँ:
बढ़ियाँ बधाइयां
ap wastav me badhai ke patra hai ....shubhakamnaye
ब्लोग अपने टार्गेट पूरा करने के लिये है या कुछ गुणात्मक सन्देश के लिये .... क्वान्टिटी के चक्कर में क्वालिटी कहां रह जायगी ....इन बेकार के चक्करों में पढने की बज़ाय ....बस आप शुचि सन्देश देते जाइये ...यही बेहतर होगा....
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