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कातिल ने भी क्या मजाक .......

Written By आपका अख्तर खान अकेला on शनिवार, 18 जून 2011 | 6:26 am

कातिल ने भी क्या मजाक .......

ज़िन्दगी तो 
बेवफा होकर 
मुझ से 
करती रही मजाक 
लेकिन दोस्तों 
मारने के 
बाद कातिल ने भी क्या 
मुझ से अजीब मजाक 
कसाई की तरह 
बेरहमी से 
गर्दन छुरी से 
धड से अलग करने के बाद 
तडपते दम निकलते 
कातिल ने 
मेरे बदन से
बढ़ी मासूमियत से कहा 
अरे 
यह क्या तुम तो 
मर रहे हो 
तुम्हारी तो 
अभी 
तुम्हारे परिवार और समाज को 
जरूरत थी .......................
.......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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3 टिप्पणियाँ:

रविकर ने कहा…

अरे कातिल |
तेरी जरुरत |
तेरी नजर में बड़ी थी |
इसीलिए तो मेरी गर्दन पर
तेरी छुरी चली थी ||

जा तुझको माफ़ किया |
अगर खुदा ने इन्साफ किया तो
फिर आऊंगा |
अपने परिवार का कर्ज
शर्तिया चुकाऊंगा ||

Manoranjan Manu Shrivastav ने कहा…

दिल तो कातिल के सिने में भी था,
कातिल बनाने के लिए उसने पहला क़त्ल उसी का किया था ...........................
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मुझे जूता लेना है !

Pappu Parihar Bundelkhandi ने कहा…
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