शिखा कौशिक जी के कई साइट्स पर बहुत से ब्लॉग हैं और वह एक रिसर्च स्कॉलर भी हैं। इसीलिए उनकी नज़र में भी उनके दिल की तरह गहराई बहुत है। वह हरेक चीज़ के उजले पक्ष के साथ उसके काले पहलू पर भी पूरी तवज्जो देती हैं। यही वह तरीक़ा है जिसके ज़रिए इंसान ख़ुद को नुक्सान से बचा सकता है। नए ब्लॉगर्स को नुक्सान से बचाने के लिए ही उन्होंने ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के लिए यह लेख लिखा है। इसके ज़रिए उन्होंने संक्षेप में यह बता दिया है कि ब्लॉगिंग को नशे की लत की तरह न अपनाया जाए बल्कि इसे होशमंदी के साथ बरता जाए और भलाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए।
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3 टिप्पणियाँ:
bilkul sahi taraf khoj ki hai shikha ji ne .
ब्लॉगिंग को नशे की लत की तरह न अपनाया जाए-सही है.
सहमतहूँ ब्लोगिया -गिरी धीरे धीरे एक एडिक्शन एक लत बन रहा है ।" दिन का सबसे ज़रूरी काम है ,ब्लोगिन्ग ,
किसी के सर पे क़त्ल का इलज़ाम है ,ब्लोगिंग ,
न ही कुछ होश अब अपना तकलीफे आम है ,ब्लोगिंग .
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