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ग़ज़लगंगा.dg: क्या ढोते बेकार के रिश्ते.

Written By devendra gautam on गुरुवार, 9 जून 2011 | 4:17 pm

तोड़ दिए संसार के रिश्ते.
क्या ढोते बेकार के रिश्ते.

स्वर्ग-नर्क के बीच मिलेंगे
इस पापी संसार के रिश्ते.

रोज तराजू में तुलते हैं
बस्ती और बाज़ार के रिश्ते.

खून के रिश्तों से भी ज्यादा
गहरे हैं व्यवहार के रिश्ते.

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3 टिप्पणियाँ:

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

खून के रिश्तों से भी ज्यादा
गहरे हैं व्यवहार के रिश्ते.

Nice post.

Unknown ने कहा…

तोड़ दिए संसार के रिश्ते.
क्या ढोते बेकार के रिश्ते.
bhaut sundar
vikasgarg23.blogspot.com

shyam gupta ने कहा…

सुन्दर गज़ल,,,,हाँ....


तोड़ दिए संसार के रिश्ते.
क्या ढोते बेकार के रिश्ते....संसार से भागना थोड़े ही है...

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