क्या यही प्यार हे ..... हाँ यही प्यार हे ...
दोस्तों मेरे एक अधीनस्थ सहयोगी साथी वकील नईमुद्दीन काजी हें दो वर्ष पूर्व उन्होंने एक निधि शर्मा नामक लडकी से प्यार की बात जब मुझे बताई तो मेने उनको इस आग से दूर रहने की सलाह दी नईमुद्दीन को निधि शर्मा की मान बहुत प्यार करती थी और आखरी वक्त में जब वोह केंसर से पीड़ित थीं तो एक पुत्र की तरह नईमुद्दीन ने उनकी सेवा की मान की इच्छा थी की उनकी इकलोती बेटी का ख्याल उनके प्रति समर्पित नोजवान नईमुद्दीन ही रखे इसके लियें उन्होंने इच्छा भी ज़ाहिर की । कुदरत निष्ठुर होती हे परीक्षाएं लेती हे निधि शर्मा जिस फेक्ट्री में अधिकारी थे वोह फेक्ट्री जे के बंद हो गयी मां केसर के बाद खुदा को प्यारी हो गयी और भाई अचानक ट्रेन के नीचे आने से दोनों पैर गंवा बेठे भाई अंकुर हिम्मत वाले थे खुदा ने उन्हें बचा लिया इस वक्त भी हर कदम पर नेम इस परिवार के साथ डटे रहे खून देने से लेकर पसीना बहाने तक सभी काम इस नोजवान ने किये और बस प्यार हो गया , मेने मेरे सहयोगी नईमुद्दीन को समझाया के असम्भव हे इसलियें इस रिश्ते को भूल जाओ क्योंकि तुम दोनों के परिजन मानेंगे नहीं और अपराध हम करने नहीं देंगे । यकीन मानिये नईमुद्दीन ने भरोसे से कहा के अगर मेरे और निधि के परिजन राज़ी नहीं होंगे तो हम समाज को बदनाम नहीं करेंगे लेकिन कहते हें के प्यार के आगे सब नत मस्तक होते हें और फिर समर्पित प्यार तो भगवान का दुसरा भरोसा होता हे निधि शर्मा के पिता और नईमुद्दीन के पिता दोनों मिले दोनों ने पहले तो स्पेशल मेरिज एक्ट में कोर्ट मेरिज की बात कही जब दोनों के पिता मेरे पास आये तो मुझे अजीब सा लगा में नईमुद्दीन, निधि शर्मा ,और दोनों के पिता जब कोटा कलेक्टर टी रविकांत के पास पहुंचे तो उन्हें खुद को ताज्जुब हुआ उन्होंने निधि के पिता से अकेले में बातें की सच और झूंठ जान लेकिन जब वोह संतुष्ट हुए तो दोनों को आशीर्वाद देकर मेरिज रजिस्टर्ड कर दी ।
यह तो हुई चोरी छुपे प्यार और विवाह की बात लेकिन निधि शर्मा समाज से मुंह चुराने वाले नहीं थे उन्होंने और नईमुद्दीन काजी के पिता ने संकल्प लिया के कार्यक्रम सार्वजनिक करेंगे एक तरफ ब्राह्मण परिवार दूसरी तरफ काजी परिवार लेकिन चारों तरफ प्यार ही प्यार बस कल २७ फरवरी तारीख तय हुई नईमुद्दीन और निधि के परिजनों ने शादी के कार्ड छापे और उनमें नाम नईमुद्दीन वेड्स निधि शर्मा और निधि शर्मा वेड्स नईमुद्दीन काजी छपने के बाद जब रिश्तेदारों और मित्रों तक पहुंचाए गये तो सब भोच्क्के रह गये एक बार तो लोगों को यकीन नहीं आया के प्यार में इतना साहस भी होता हे जो सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार कर ले फिर कल शादी में सभी वर्ग सभी धर्म के लोग मिल जुल रहे थे और गंगा जमनी संस्क्रती के इस विवाह को आशीर्वाद दे रहे थे आज नईमुद्दीन का रिसेप्शन हे कल विदाई हुई हे , तो दोस्तों कोई काम नहीं हे मुश्किल जब क्या इरादा पक्का और शायद यही प्यार हे ...... ऐसे में इश्वर खुदा का पैगाम के विवाह तो अर्श पर तय होते हें लेकिन रस्में फर्श पर निभाई जाती हे तो जनाब यह वही विवाह हे जो कोटा के इतिहास में पहला विवाह बन गया हे वरना मुंबई फ़िल्मी दुनिया में तो यह आम बात हे दोनों मोहब्बत करने वालों को सलाम खुदा दोनों को सलामत और जीवन भर खुश रखे आमीन आमीन आमीन । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
3 टिप्पणियाँ:
बहुत बहुत शुभकामनायें .बहुत अच्छी पोस्ट .
सच्चे प्यार में तो कहते भी हैं कि भगवान बसता है.बधाई.
वो अपने हैं लेकिन दग़ा दे रहे हैं
मेरे जलते घर को हवा दे रहे हैं
क़सम ले के पहले मुझसे न मिलने की
मुझे अपने घर का पता दे रहे हैं
ऐसे भी लोग होते हैं ।
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